"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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शुक्रवार, 20 मई 2011
रेगिस्तान का रेतीला रूप
(28 मई 2009 का ड्राफ्ट)
दूर
दूर तक फैले
रेगिस्तान का रेतीला रूप
निहारा... सराहा....
महसूस किया
जैसे हो माँ का आँचल
लहराता... बलखाता....
अपने आगोश में लेता....
सूरज जलता सा उतरता
अपनी गर्मी से तड़पाता
धरती के अधर सुखाता
रोम रोम रूखा हो जाता
वसुधा को प्यासा कर जाता
प्यासी दृष्टि में आस जगाता
रियाद शहर से बाहर का रेगिस्तान
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