"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
Translate
पौधे
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
पौधे
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
शनिवार, 20 अप्रैल 2013
सूरज और पौधे
सूरज
आसमान से नीचे उतरा
धरती के आग़ोश में दुबका
ध्यान-मग्न पौधों का ध्यान-भंग करता
हवा के संग मिल साँसे गर्म छोड़ता
पौधे
एक पल को भी विचलित न होते
झूम-झूम कर फिर से जड़ हो जाते...
फिर से होकर लीन समाधि में
सबक अनोखा सिखला जाते
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
मोबाइल वर्शन देखें
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ (Atom)