Translate

गीत लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
गीत लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 16 जुलाई 2014

ना लफ़्ज़ खर्च करना तुम, ना लफ़्ज़ खर्च हम करेंगे

ना लफ़्ज़ खर्च करना तुम
ना लफ़्ज़ खर्च हम करेंगे  --------- 

ना हर्फ़ खर्च करना तुम
ना हर्फ़ खर्च हम करेंगे -------- 

नज़र की स्याही से लिखेंगे
तुझे हज़ार चिट्ठियाँ  ------  


काश कभी ऐसा भी हो कि बिना लफ़्ज़ खर्च किए कोई मन की बात सुन समझ ले. लेकिन कभी हुआ है ऐसा कि हम जो सोचें वैसा ही हो... 

बस ख़ामोश बातें हों ...न तुम कुछ कहो , न मैं कुछ कहूँ .... लेकिन बातें खूब हों.... नज़र से नज़र मिले और हज़ारों बातें हो जाएँ.... 

मासूमियत से भरे सपनों के पीछे भटकना अच्छा लगता है...गूँगा बहरा हो जाने को जी चाहता है...जी चाहता है सब कुछ भूलकर बेज़ुबान कुदरत की खूबसूरती में खो जाएँ  ...... 

फिल्म "बर्फी" का यह गीत बार बार सुनने पर भी दिल नहीं भरता... 




मंगलवार, 13 सितंबर 2011

परिवर्तन को सहज स्वीकार किया...

जीवन गतिशील है सोच लिया.... परिवर्तन को सहज स्वीकार किया ...
ब्लॉग को नया रूप  दिया....सफ़ेद दीवारों पर नीला  रंग किया ...
बदले रूप को देखा तो .......
आसमानी रंग का प्रतिबिम्ब सजा कर लहराता  सागर याद आया... 
सागर की चंचल लहरों को अपना सुनहरी रूप रंग देता  सूरज भाया ... 
निस्वार्थ भाव से जलता सूरज देखा जब गीत पुराना इक याद आया....
जलते सूरज का गीत सुना तो ...... 
सत्यवादी  हरिश्चन्द्र तारामति के संग-संग नन्हें बालक का जादू छाया ...