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शनिवार, 10 नवंबर 2007

अपनी नज़र और अपनी सोच से देखिए !







10 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

"I see from the eyes of my heart
I think from emotions of my heart "
2 well shot artistic photos

Pratik Pandey ने कहा…

देख तो अपनी ही नज़र से रहा हूँ, पर कुछ सोच-समझ नहीं पा रहा कि आख़िर क्या बला है!!! :)

Sanjay Gulati Musafir ने कहा…

तो तुमने ॐ की तस्वीर पोस्ट कर ही दी मीनाक्षी। मानो तो देव, न मानो तो क्या है - लकडी या किसी पेड की जड।

कहीं सुना है - कुछ इत्तेफाक कहते हैं कुछ भाग्य। नज़र अपनी अपनी!

Sanjay Gulati Musafir ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
पारुल "पुखराज" ने कहा…

beauty lies in the eyes of the beholder.....nice OM dii.

Shastri JC Philip ने कहा…

गजब! गजब!!

मैं ने एकदम सही सोचा था. आपका यह चित्र मेरी सोच से एक कदम आगे है. सही पृ्ष्टभूमि, सही रंग, कद्रदान के लिये सही प्रतीक !!!

-- शास्त्री

हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.
इस काम के लिये मेरा और आपका योगदान कितना है?

अनूप शुक्ल ने कहा…

अजब-गजब! शानदार-जानदार!

मीनाक्षी ने कहा…

शास्त्री जी , आपकी टिप्पणी पढते ही हमने अपने छोटे बेटे विद्युत से तस्वीर खिंचवा कर पोस्ट की लेकिन शीर्षक लिखते समय बस यही ख्याल आया कि यही उपयुक्त होगा कि देखने वाले को अपने नज़रिए से देखने और अनुभव करने की पूरी स्वतंत्रता हो..

मीनाक्षी ने कहा…

Rachna ji , after reading ur comment , my son is flying high and feeling very happy.
संजय जी , पारुल जी , शास्त्री जी और अनूप जी धन्यवाद.. प्रतीक ध्यान से देखो तो बहुत कुछ अनकहा समझ जाओगे.

Sanjeet Tripathi ने कहा…

अपने तो उपर से निकल गई जी यह तो