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सोमवार, 5 नवंबर 2007

कैक्टस के स्वादिष्ट फल !


कौन कहता है कि कैक्टस में सिर्फ कांटे ही कांटे होते हैं , उसमें रंग-बिरंगे फूल भी होते हैं और फल तो और भी स्वादिष्ट होते हैं. रवि रतलामी जी की कैक्टस गार्डन पर सुन्दर एलबम देखकर उसके मीठे रसदार फल की याद ताज़ा हो गई और मुहँ में पानी आ गया. सोचा कि आप सबसे उस स्वाद को बाँटा जाए. कैक्टस के फलों का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. कैक्टस के फल के चित्र और उसे काटने का तरीका बताने के लिए एक वीडियो लगाने का प्रयास किया है.







14 टिप्‍पणियां:

Srijan Shilpi ने कहा…

सुन्दर। चखने का मौका मिला नहीं अभी तक। लेकिन आपने कैक्टस के स्वाद की तारीफ की है तो कभी चख कर देखूंगा।

Sagar Chand Nahar ने कहा…

इस तरह वीडियो दिखाने से क्या होगा? इन फलों को चखवायें तो कुछ बात बने।
पता भेज दूं क्या?
:) :)

Anita kumar ने कहा…

मीनू जी मजा आ गया, इस जानकारी के लिए धन्यवाद, वैसे जब सागर जी को पार्सल भेजे तो मुझे भी याद रखें जी।

Manish Kumar ने कहा…

वाह क्या बात है। मेरे लिए तो ये बिलकुल नई जानकारी थी।

कथाकार ने कहा…

जहां चाह वहां राह. कहीं मेरी बीवी ने इसे देख लिया तो उनके मीनू में जुड़ने में देर नहीं.
अच्‍छा जानकारी है.

Sanjeet Tripathi ने कहा…

वाकई यह हमारे लिए भी नई जानकारी है!!
शुक्रिया!

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी। घर जा कर पहला काम अपनी पत्नी (सबसे महत्वपूर्ण मित्र) को यह नयी बात बतानी है।
यह भी मालुम है आपको या किसी को कि भारत में भी पाये जाते हैं ये फल या नहीं? मैने राजस्थान में तो नहीं पाये/सुने।

mamta ने कहा…

आज पहली बार कैक्टस के फल के बारे मे पढा ।

मीनाक्षी जी जानकारी देने का शुक्रिया।

Manas Path ने कहा…

मुंह में पानी आ गया मैडम. खिलाने का जुगाड भी कराईए

अतुल

मीनाक्षी ने कहा…

ज्ञान जी , अक्सर हम कैक्टस को रेगिस्तान के साथ जोड़ देते हैं. नीलगिरि के हरे भरे जंगलो मे भी लाल जामुनी रंग वाले कैक्टस फल पाए जाते हैं जो बहुत स्वादिष्ट होते हैं.
दिल्ली और मुम्बई जब भी आना होगा तो अवश्य लाएँगे. पोलेंड की एक महिला ने वहाँ के इस स्वादिष्ट फल का आनन्द लिया है.
वैसे देखा जाए तो कैक्टस का फल खाने के लिए आपको दुबई आना चाहिए.

Udan Tashtari ने कहा…

पहली बार कैक्टस के फल के बारे मे पढा ..एकदम नई जानकारी है हमारे लिये. कभी कहीं मौका मिला तो खाकर बतायेंगे. :)

बेनामी ने कहा…

एकदम ताजी जानकारी… कहाँ से लेकर आईं… :)
पर कैसा स्वाद है यह तो चखने पर ही पता चलेगा।

मीनाक्षी ने कहा…

दिव्यभ जी , बहुत स्वादिष्ट होता है. कैसे भूल सकते है पीड़ादायक स्वाद :)
पहली बार पता नही था कि अगर छू लिया तो महीन बाल से काँटे चुभ जाएँगे.

पारुल "पुखराज" ने कहा…

दी, मुझे मत भूलियेगा,मुझे भी खाने हैं।..जानकारी देने का शुक्रिया।