भ्रष्ट राजनीति या भ्रष्ट सभी नीति
सही करने का नहीं कोई solution .
भ्रष्टाचारियों, अत्याचारियों से समाज में
फैल गया है चारों ओर pollution .
जीवन के हर क्षेत्र में फैल चुका है corruption
अब तो शायद कभी हो इसमे कोई interruption.
भ्रष्टाचार में लिप्त नेता जनता को देता नहीं education
बेचारी अनपढ़ जनता का होता रहता है manipulation.
धूर्त नेताओं के कारण सिर पर आता बार-बार election
सूझे नहीं भोली जनता को कैसे करें सही selection .
संघर्षों में जूझते लोगों को मिलती नहीं protection
निम्न वर्ग मैं सदा होता रहता है discrimination.
प्रगति के रास्ते पर बढ़ने को मिले सही direction
विकसित हो देश हमारा करते हैं यही imagination.
5 टिप्पणियां:
मीनाक्षी जी...
राजनीति से दूरी बना कर शब्दों की दुनिया में बने रहने के लिये साधुवाद. संजीदा रहने के लिये राजतंत्र से दूर रहना ही भला.
मीनाक्षी जी आपकी कविता गजब की है , मस्त लिखा है आपने।
बहुत ही सटीक कविता रचने के लिए बधाई...
राजनीति से जितना दूर रहें..वही बेहतर है आज के माहोल में... लेकिन गर हर आदमी यही सोचेगा तो भी कुछ भला नहीं होने वाला है...कीचड साफ करने के लिए कीचड में उतरना ही होगा
यह सब तो अपनी सोच के अनुरुप ही डिसीजन लिये जाते है, अच्छा किया. और कविता भी अच्छी बन पड़ी है.
आपने समय निकाल कर मेरी रचना को पढ़ा और सराहा
आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद
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