आज शिक्षक दिवस पर सबको मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ ।
डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन् जैसे महान् शिक्षक का जन्मदिन शिक्षक-दिवस
के रूप में मनाया जाता है।
आज के ही दिन मुझे किसी एक विद्यार्थी को उसके लक्ष्य तक पहुँचाने के लिए
अपने शिक्षक पद से त्याग-पत्र देना पड़ा।
मेरा विश्वास है कि एक बार शिक्षा और शिष्यों से नाता जुड़ जाए तो उसे तोड़ना आसान नहीं।
मेरा प्यार और आशीर्वाद सदा मेरे शिष्यों के साथ रहेगा।
आज एक कविता ने जन्म लिया जो मेरे शिष्यों के नाम --
शिक्षक दिवस पर अध्यापन को त्यागा ,
उत्तरदायित्व नए निभाने को कदम बढ़ाया ।
प्यारे बच्चे बेहद याद मुझे जब आते ,
दिन काँटे से चुभते काटे ना कटते ।
अंर्तमन को मैंने समझाया ,
अंर्तजाल में मन को लगाया।
अनकहे को कहने का मन ललचाया,
'माई पॉडकॉस्ट' में अपना स्वर लहराया।
मन भरमाने का नया इक रस्ता पाया,
मेरा मन तब अति हरषाया।।
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