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गुरुवार, 6 सितंबर 2007

"विद्यार्थी आदर्श कहाएँ"


जीवन को हम सफल बनाएँ
सीधे सच्चे इसाँ बन जाएँ
विद्यार्थी आदर्श कहाएँ
उन्नति पथ पर बढ़ते जाएँ।।


अनुशासन के नियम निभाएँ
सदाचार को लक्ष्य बनाएँ
झूठ कपट को दूर भगाएँ
सत्य अहिंसा को अपनाएँ।।

जीवन को हम सफल बनाएँ
सीधे सच्चे इसाँ बन जाएँ


सहनशील हम वीर कहाएँ
संयमशील सदा कहलाएँ
वैर-भाव और घृणा मिटाएँ
अच्छी सच्ची सीखें अपनाएँ।।

जीवन को हम सफल बनाएँ
सीधे सच्चे इसाँ बन जाएँ


गुरूओं में श्रद्धा रख पाएँ
त्याग मार्ग पर चलते जाएँ
नरमी को हम भूल ना पाएँ
प्रेमगीत हम गाते जाएँ ।।

जीवन को हम सफल बनाएँ
सीधे सच्चे इसाँ बन जाएँ
विद्यार्थी आदर्श कहाएँ
उन्नति पथ पर बढ़ते जाएँ।।

1 टिप्पणी:

Shastri JC Philip ने कहा…

वाह, बहुत सरल शब्द एवं उससे भी सुंदर अभिव्यक्तिआज पहली बार आपके चिट्ठे पर आया एवं आपकी रचनाओं का अस्वादन किया. आप अच्छा लिखते हैं, लेकिन आपकी पोस्टिंग में बहुत समय का अंतराल है. सफल ब्लागिंग के लिये यह जरूरी है कि आप हफ्ते में कम से कम 3 पोस्टिंग करें. अधिकतर सफल चिट्ठाकार हफ्ते में 5 से अधिक पोस्ट करते हैं. किसी भी तरह की मदद चाहिये तो मुझ से संपर्क करे webmaster@sararhi.info -- शास्त्री जे सी फिलिप

मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,
2020 में 50 लाख, एवं 2025 मे एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार!!