पिछली पोस्ट पर अपनी एक दोस्त का परिचय दिया था...आठ साल बाद फिर से फेसबुक पर मिलना हुआ..यादों के पल मोती जैसे सहेजने के लिए ब्लॉग बनाने को कहा ..जब तक ब्लॉग़ बने सोचा क्यों न उसी की लिखी एक पुरानी कविता पढ़वा दूँ ..... मैं बोलती तो वह सपने लेती...वह लिखती तो मैं कल्पना करती नए नए अर्थों के साथ ..... 'तुम्हारा स्पर्श' कविता का आरंभ लगा किसी प्रेयसी के मन का हाल ..... तो अंत पढ़ते लगा जैसे क़लम और काग़ज़ मिल कर कविता को जन्म दे रहे हों.....उस कविता को खूबसूरत रूप देने के लिए लालायित हों.......
आपको क्या लगता है... ?
तुम ने जो सहलाया...मेरी घनी जुल्फों को
तुम ने जो सहलाया...मेरी घनी जुल्फों को
अपने हाथों से
मेरा झुमर खनक उठा
तुम ने जो छुआ .. ...मेरी पलकों को अधरों से
होठो को होठो से
मेरे कंगन खनक उठे
तुम ने जो बेधा.....मुझे नैनो के तीरों से
कानो के प्रेमाक्षरों से
मेरे कर्ण फूल बज उठे
मेरी साँसे जो तुम से टकरा रही थीं
अधूरी दास्ताँ मेरे दिल की सुना रही थी
मेरी करधनी, मेरी पायल
तुम्हारे एहसास के बिन सूनी पड़ी है
जो गीत तुम्हारे ही गा रहे है
मेरे उन अलंकारों को रूप नया दे दो .. (अनिता )
22 टिप्पणियां:
शायद कानों में होना चाहिए ...
सुन्दर!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
बधाई ||
कल रात से ही इधर बारिश हो रही है और मौसम अभी कातिलाना है...और ऐसे में इतनी खूबसूरत कविता सुबह सुबह..इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता!!
waah... sundartam...
prem ki sudha...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
बधाई ||
Puran Chand
बहुत ही खूबसूरत कविता ... शब्द जैसे बोल रहे हैं प्रेम की दास्ताँ ...
वैसे "अनीता" लक्की है ...
बहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति ...
बहुत प्यारा लिखा है ... प्रत्येक शब्द पूरी समग्रता से भावों को दर्शाता है .....
मनमोहक अन्दाज़…… कोमल भावो का संगम……………… सुन्दर कविता
जल्दी ही हमारे ब्लॉग की रचनाओं का एक संकलन प्रकाशित हो रहा है.
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अपनी टिपण्णी से हमारा मार्गदर्शन कीजिये.
जन सुनवाई jansunwai@in.com
www.jan-sunwai.blogspot.com
बहुत ही खुबसूरत....
Behad pyaree rachana hai!
रुमान की यह अनुभूति जीवन्तता की अनुभूति है -अनिता जी की कवितायें भविष्य में भी !
मेरी करधनी, मेरी पायल
तुम्हारे एहसास के बिन सूनी पड़ी है
जो गीत तुम्हारे ही गा रहे है
मेरे उन अलंकारों को रूप नया दे दो ..
सुन्दर उपमाओं की सुन्दर रचना और सुंदर भाव ...
आदरणीया जी
कविता में क्या खूबसूरत विम्ब साधा है......
तुम ने जो बेधा.....मुझे नैनो के तीरों से
कानो के प्रेमाक्षरों से
मेरे कर्ण फूल बज उठे
.......अतीव सुन्दर....सुन्दरतम !!!
वाह! कविता पढते हुए ही कानों में
मधुर संगीत बजने लगा.
शानदार अनुपम अभिव्यक्ति के लिए
आभार.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
beautiful creation !
ये तो बड़ी मुलायम और चकाचक कवितायें हैं। :)
I promise you that
I will share all my thoughts
and feelings with you
I promise you that
I will understand everything that you do
... ... I promise you that
I will be completely honest with you
I promise you that
I will laugh and cry with you
I promise you that
I will share my life with you
But -most important of all
I promise you that
I will (♥) you forever
आज तो प्रेम रस मे भीग गये यहां । बेहद सुंदर ।
bahut sundar..
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