जीवन गतिशील है सोच लिया.... परिवर्तन को सहज स्वीकार किया ...
ब्लॉग को नया रूप दिया....सफ़ेद दीवारों पर नीला रंग किया ...
बदले रूप को देखा तो .......
ब्लॉग को नया रूप दिया....सफ़ेद दीवारों पर नीला रंग किया ...
बदले रूप को देखा तो .......
आसमानी रंग का प्रतिबिम्ब सजा कर लहराता सागर याद आया...
सागर की चंचल लहरों को अपना सुनहरी रूप रंग देता सूरज भाया ...
निस्वार्थ भाव से जलता सूरज देखा जब गीत पुराना इक याद आया....
जलते सूरज का गीत सुना तो ......
जलते सूरज का गीत सुना तो ......
सत्यवादी हरिश्चन्द्र तारामति के संग-संग नन्हें बालक का जादू छाया ...
14 टिप्पणियां:
वाह!! क्या सुनवा दिया!! आभार!!
नया अवतार देखकर अच्छा लगा... अब नई ऊर्जा के साथ और भी नई नई बातें लिखने के लिए जुट जाइए।
ब्लॉग का नया रूप भाया ... गीत सुन सच ही आनन्द आया ..
पता नही क्यों मेरे कंप्यूटर पर सारे यु आर एल नज़र नहीं आ रहे ... वैसे मिलने पर सुन ही केंगे ये गीत आपसे ...
ब्लॉग की सज्जा अच्छी लग रही है ...
नया अवतार अच्छा है. आँखों के लिए भी सहज है.
वाह ...बहुत ही बढि़या ।
बहुत बढ़िया और शानदार रचना |
मेरी नई रचना देखें-
**मेरी कविता:राष्ट्रभाषा हिंदी**
अच्छा है।
thank you so much for sharing such a beautiful song... :)
der hai parantu andher nahi... bas...
बहुत सुन्दर....
हेमंत दा का अमर गीत, मन को तृप्त कर गया.आभार.
वाह -हर रात की इक सुबह तो है ...
माना है बड़ी है शाम गम की, मगर शाम ही तो है
आप सभी मित्रों का शुक्रिया....
@संजयजी..कोशिश करूँगी कि इस बदलाव के साथ मुझमे भी नियमित लिखने का बदलाव आए :)
@दिगम्बरजी..हम तो कहने वाले थे कि अपनी रचनाओं को आवाज़ दीजिए..आप शिष्य बना लें तो हम भी गा लें...
हमेशा की तरह ये पोस्ट भी बेह्तरीन है
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