"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
वाह कित्ते प्यारे हायकू प्रेम रस में सराबोर -ब्रेविटी इज द सोल आफ विट !
बढ़िया हाईकू!!
हाइकू सद-वाक्य के समान है, इसलिए असर करते ही हैं।
@अरविन्दजी,शेक्सपीयर की कोट पढकर लॉर्ड पोलोनियस की याद आ गई और हेमलेट में उनका चरित्र..कोट के उसके शाब्दिक अर्थ से हम फूल गए :) @समीरजी,,धन्यवाद @अजितदी... लिखने का उत्साह मिला...आभार
ankahi baatein par aa kar vichar rakhne ke liye shukriya. haiku bhi badhiya hai.
वाह! ब्लॉगजगत में सामान्यत: शब्द मुखर हैं। भाव हैं। मूक!
वाह !
सुंदर अभिव्यक्ति। भाव मुख्य ही नहीं गहरे भी हैं। शब्दों का आधिक्य उनके संप्रेषण में बाधक ही बनता।
बहुत ही गहरे भाव लिए सारे हाइकु
sundar hayku
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10 टिप्पणियां:
वाह कित्ते प्यारे हायकू प्रेम रस में सराबोर -ब्रेविटी इज द सोल आफ विट !
बढ़िया हाईकू!!
हाइकू सद-वाक्य के समान है, इसलिए असर करते ही हैं।
@अरविन्दजी,शेक्सपीयर की कोट पढकर लॉर्ड पोलोनियस की याद आ गई और हेमलेट में उनका चरित्र..कोट के उसके शाब्दिक अर्थ से हम फूल गए :)
@समीरजी,,धन्यवाद
@अजितदी... लिखने का उत्साह मिला...
आभार
ankahi baatein par aa kar vichar rakhne ke liye shukriya.
haiku bhi badhiya hai.
वाह!
ब्लॉगजगत में सामान्यत: शब्द मुखर हैं। भाव हैं। मूक!
वाह !
सुंदर अभिव्यक्ति। भाव मुख्य ही नहीं गहरे भी हैं। शब्दों का आधिक्य उनके संप्रेषण में बाधक ही बनता।
बहुत ही गहरे भाव लिए सारे हाइकु
sundar hayku
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