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मंगलवार, 12 अप्रैल 2011

मेरे त्रिपदम (हाइकु)

क्षमा चाहिए
त्वरित वेग था वो
बाँध लिया है

होती गलती
सुधार भी संभव
आधार यही

नित नवीन
सोच के फूल खिलें
महकें बस

दम घुटता
तोड़ दे पिंजरे को
मन विकल


कल न पड़े
मन-पंछी आकुल
उड़ना चाहे



17 टिप्‍पणियां:

kshama ने कहा…

Are wah! Sab ke sab bahut sundar hain!

अजय कुमार झा ने कहा…

आपका लौट के आना बहुत अच्छा लगा मीनू दी । शुभकामनाएं अब यही रवानी बनी रहे । शुभकामनाएं

ZEAL ने कहा…

नित नयी सोच के .... बेहतरीन हाइकु।

Sunil Kumar ने कहा…

बेहतरीन हाइकु, शुभकामनाएं

Patali-The-Village ने कहा…

बेहतरीन हाइकु। धन्यवाद|

Abhishek Ojha ने कहा…

सुन्दर !

Arvind Mishra ने कहा…

मुक्ति की चाह सबसे नैसर्गिक चाहों में एक है

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

वाह!

Udan Tashtari ने कहा…

बेहतरीन!

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

आदरणीया मीनाक्षी जी
सादर सस्नेहाभिवादन !

दम घुटता ,
तोड़दे पिंजरे को ,
मन विकल !

अच्छा लिखा आपने !

आपके पिछली पोस्ट्स के हाइकू भी शानदार हैं … हालांकि मुझे हाइकू लिखना भाता नहीं …

* श्रीरामनवमी की शुभकामनाएं ! *
- राजेन्द्र स्वर्णकार

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

आदरणीया मीनाक्षी जी
सादर सस्नेहाभिवादन !

दम घुटता ,
तोड़दे पिंजरे को ,
मन विकल !

अच्छा लिखा आपने !

आपके पिछली पोस्ट्स के हाइकू भी शानदार हैं … हालांकि मुझे हाइकू लिखना भाता नहीं …

* श्रीरामनवमी की शुभकामनाएं ! *
- राजेन्द्र स्वर्णकार

मीनाक्षी ने कहा…

सभी मित्रो को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ...

भावाभिव्यक्ति
हाइकु ही साधन
परदेस में

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

मीनाक्षी जी, गागर में सागर भर लाईं हैं आप। बधाई।

............
ब्‍लॉगिंग को प्रोत्‍साहन चाहिए?
लिंग से पत्‍थर उठाने का हठयोग।

rashmi ravija ने कहा…

सारे हाइकु एक से बढ़कर एक हैं..सुन्दर संदेश लिए

संजय भास्‍कर ने कहा…

आदरणीय मीनाक्षी जी
नमस्कार !
...............बेहतरीन हाइकु, शुभकामनाएं

संजय भास्‍कर ने कहा…

बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन

Amrita Tanmay ने कहा…

sundar sandesh deti hayku...