पलाश के रूप को अनेक रचनाकारों ने अपने अपने अंदाज़ से बाँधने का प्रयास किया है ... अपने अपने शिल्प में ढालने का प्रयत्न किया है ... पर वो तो दकाहता है लाल रंग में और शांत स्थिर रहता है सफ़ेद रंग में ... दोनों ही प्रस्तुतियों में पलाश ने अपने रंगनुसार ही कृत्य किया है जिसको आपने इन शब्दों में बाखूबी उतारा है ...
पलाश मुझे भी बहुत आकर्षित करता है। लेकिन क्षमा करें यहाँ दोनों ही चित्र पलाश के नहीं हैं। पहला गुलमोहर का है और दूसरा मैं पहचान नहीं पा रहा हूँ पर पलाश नहीं है। पलाश का चित्र यहाँ देख सकती हैं आप ...
dekhne me bhale hi lal surya ke bhanti lahak ta ho.......lekin naam lete hi thand ka ahsas hota hai........dekhne par ankhon me satrangi koundhte hai........sohbat me rahne pe kavya umarne lagta hai ....aisa hota hai......palash......
21 टिप्पणियां:
सुन्दर्।
क्या बात है पलाश के दो रूप , विरोधाभास लिए हुए , सुंदर अभिव्यक्ति , बधाई
पहले तो मैं लाल पलाश के फूलों को देखता रह गया और फिर आपकी दोनों क्षणिकाओं को....
क्या खूबसूरत लिखा है.
पलाश के रूप को अनेक रचनाकारों ने अपने अपने अंदाज़ से बाँधने का प्रयास किया है ... अपने अपने शिल्प में ढालने का प्रयत्न किया है ... पर वो तो दकाहता है लाल रंग में और शांत स्थिर रहता है सफ़ेद रंग में ... दोनों ही प्रस्तुतियों में पलाश ने अपने रंगनुसार ही कृत्य किया है जिसको आपने इन शब्दों में बाखूबी उतारा है ...
पलाश मुझे भी बहुत आकर्षित करता है।
लेकिन क्षमा करें यहाँ दोनों ही चित्र पलाश के नहीं हैं। पहला गुलमोहर का है और दूसरा मैं पहचान नहीं पा रहा हूँ पर पलाश नहीं है।
पलाश का चित्र यहाँ देख सकती हैं आप ...
http://2.bp.blogspot.com/_a7Cz6lo1Wx4/TK7UDnfHdLI/AAAAAAAAAPk/waIhACH7pgA/s1600/Flame%2520of%2520the%2520Forest-1%5B1%5D.jpg
Chitr palash ke to nahee,lekin phirbhee rachana bahut sundar hai!
अच्छी रचना.....
जानती हूँ कि दोनो पलाश नहीं है..इसका ज़िक्र करना भूल गई...:( क्षमा करिएगा..
जितना मोहक पलाश है ,उतना ही उदगार भी ,मुबारका जी /
SUNDAR RACHANAA
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
http://meraayeena.blogspot.com/
http://maithilbhooshan.blogspot.com/
बहुत खूब !
शुभकामनायें आपको !
बहुत अच्छी सोच ......
dekhne me bhale hi lal surya ke bhanti lahak ta ho.......lekin
naam lete hi thand ka ahsas hota
hai........dekhne par ankhon me
satrangi koundhte hai........sohbat
me rahne pe kavya umarne lagta hai
....aisa hota hai......palash......
pranam.
बहुत ही सुन्दर , भावपूर्ण रचना .....
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
सारगर्भित....
अति सुन्दर!!!
सुंदर भावाभिव्यक्ति ।
bahut sundar
chhotawriters.blogspot.com
bhav pranav.....sadhuwad
सुन्दर्,अति सुन्दर,बहुत अच्छी सोच,बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
बहुत ही बढ़िया लिखा है ..
भावपूर्ण रचना
सादर
Puran Chand
Both are not Palas - Not Butea frondosa
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