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रविवार, 26 जून 2011

पलाश




लाल फूलों से दहकता पलाश
जैसे पछतावे की आग में जलता हो...
कभी उसने शिव पार्वती के
एकांत को भंग किया था





शांति दूत सा सफेद पलाश
खड़ा मेरे आँगन में ...
कभी निहारती उसे
कभी अपने आप को
वर्षों तक अपने शरीर को उसके आग़ोश में
सरंक्षित रखने की इच्छा जाग उठी ...


21 टिप्‍पणियां:

vandana gupta ने कहा…

सुन्दर्।

Sunil Kumar ने कहा…

क्या बात है पलाश के दो रूप , विरोधाभास लिए हुए , सुंदर अभिव्यक्ति , बधाई

abhi ने कहा…

पहले तो मैं लाल पलाश के फूलों को देखता रह गया और फिर आपकी दोनों क्षणिकाओं को....
क्या खूबसूरत लिखा है.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

पलाश के रूप को अनेक रचनाकारों ने अपने अपने अंदाज़ से बाँधने का प्रयास किया है ... अपने अपने शिल्प में ढालने का प्रयत्न किया है ... पर वो तो दकाहता है लाल रंग में और शांत स्थिर रहता है सफ़ेद रंग में ... दोनों ही प्रस्तुतियों में पलाश ने अपने रंगनुसार ही कृत्य किया है जिसको आपने इन शब्दों में बाखूबी उतारा है ...

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

पलाश मुझे भी बहुत आकर्षित करता है।
लेकिन क्षमा करें यहाँ दोनों ही चित्र पलाश के नहीं हैं। पहला गुलमोहर का है और दूसरा मैं पहचान नहीं पा रहा हूँ पर पलाश नहीं है।
पलाश का चित्र यहाँ देख सकती हैं आप ...

http://2.bp.blogspot.com/_a7Cz6lo1Wx4/TK7UDnfHdLI/AAAAAAAAAPk/waIhACH7pgA/s1600/Flame%2520of%2520the%2520Forest-1%5B1%5D.jpg

kshama ने कहा…

Chitr palash ke to nahee,lekin phirbhee rachana bahut sundar hai!

Kusum Thakur ने कहा…

अच्छी रचना.....

मीनाक्षी ने कहा…

जानती हूँ कि दोनो पलाश नहीं है..इसका ज़िक्र करना भूल गई...:( क्षमा करिएगा..

udaya veer singh ने कहा…

जितना मोहक पलाश है ,उतना ही उदगार भी ,मुबारका जी /

श्यामल सुमन ने कहा…

SUNDAR RACHANAA
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
http://meraayeena.blogspot.com/
http://maithilbhooshan.blogspot.com/

Satish Saxena ने कहा…

बहुत खूब !
शुभकामनायें आपको !

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत अच्छी सोच ......

सञ्जय झा ने कहा…

dekhne me bhale hi lal surya ke bhanti lahak ta ho.......lekin
naam lete hi thand ka ahsas hota
hai........dekhne par ankhon me
satrangi koundhte hai........sohbat
me rahne pe kavya umarne lagta hai
....aisa hota hai......palash......

pranam.

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

बहुत ही सुन्दर , भावपूर्ण रचना .....

Arun sathi ने कहा…

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
सारगर्भित....

Udan Tashtari ने कहा…

अति सुन्दर!!!

Asha Joglekar ने कहा…

सुंदर भावाभिव्यक्ति ।

Admin ने कहा…

bahut sundar
chhotawriters.blogspot.com

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

bhav pranav.....sadhuwad

बेनामी ने कहा…

सुन्दर्,अति सुन्दर,बहुत अच्छी सोच,बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
बहुत ही बढ़िया लिखा है ..
भावपूर्ण रचना

सादर

Puran Chand

Rama ने कहा…

Both are not Palas - Not Butea frondosa