‘मैम,,,आपने पलट के जवाब नहीं दिया...क्यों?’ पोस्ट को लिखने का कोई न कोई कारण रहा होगा...उस पर ज़िक्र की ज़रूरत नहीं है...... बहरहाल इस पोस्ट पर आई टिप्पणियों को पढकर लगा कि उस घटना से जुड़ी दो और घटनाओं का ज़िक्र भी करना चाहिए.....वैसे भी आजकल रियाद में पुरानी यादों ने पूरी तरह से घेर रखा है.... पीछा ही नहीं छोड़तीं....
चार छात्र जो हिन्दी पढने के लिए बैठे थे...उनमें से एक छात्र को तीन दिन पहले एक अंग्रेज़ी अध्यापक के साथ बुरा बर्ताव करने पर बहुत बुरी तरह से डाँटा गया था.... उसके बाद भी उसने उन अध्यापक से सॉरी नहीं कहा था,,,,सभी बच्चों के मुताबिक टीचर की गलती थी......
हुआ यह था कि कोर्स पूरा कराने के लिए उन्होंने चार पीरियड एक साथ पढ़ाने की सोची....पढ़ाने के बाद जब वे दूसरी क्लास में पहुँचे तो वहाँ पिछली क्लास के एक छात्र को देख कर भड़क गए कि कैसे इसने बंक किया....बस आव देखा न ताव कॉलर पकड़ कर क्लास से बाहर ले आए और.... “हाऊ डेयर यू.... यू ब्ल.....बा.....तुम लोगों के लिए सिर खपाओ और तुम ऐश करो” कह कर उसे लगा दिए दो तमाचे.....गुस्से में और मारते उससे पहले ही लड़के ने हाथ पकड़ लिया....बस फिर क्या था..... तहलका मच गया.....
तब्बू टीचर का भी रवैया कुछ ऐसा ही रहता है.... बच्चे अपमानित महसूस करते हैं और गुस्से में कुछ का कुछ कर बैठते हैं......
“कोई भी टीचर क्लास के अन्दर दाखिल हों तो खड़े होकर विश करना ज़रूरी है...हर रोज़ कहती हूँ फिर भी कान पर जूँ नहीं रेंगती........अपने सहकर्मी के लिए बुरा भला सुनकर कहना चाहती थी....’माइंड योर ऑन बिज़नेस’ ... उस वक्त अगर कुछ भी कहती तो बच्चों के भन्नाए दिमाग पर कोई असर नहीं होता सो चुप्पी लगाना सही समझा था .......
बच्चों को काम देकर मैं स्टाफरूम चली गई थी... एक घंटे बाद जब वापिस आई तो सभी लड़के एक साथ बोल उठे..... “सॉरी मैम.... वी आर रीयली सॉरी... आपसे हमें ऐसे नहीं बोलना चाहिए था....”
मुझे उनके ‘सॉरी’ कहने में सच्चाई दिख रही थी.... जानती हूँ आजकल के बच्चे हमारी हरकतों की ज़रूरत से ज़्यादा स्क्रूटनी करते हैं....उन्हें सब समझ आता है....यह अलग बात है कि जो उन्हें भाता नहीं या जिसका लॉजिक समझ नहीं आता उसे नज़रअन्दाज़ कर देते हैं....
उनमें से एक चुपचाप नज़रें नीची किए खड़ा रहा...उसके पास पहुँची.....’क्या हुआ शोहेब... समथिंग इज़ बॉदरिंग यू? प्लीज़ शेयर विद मी...’ पूछने पर धीरे से बोला....’मैम... डू यू थिंक आई शुड गो टू इंग्लिश टीचर एंड से सॉरी...?’
सुनकर मुझे जितनी खुशी हुई ...उसकी कोई इंतहा नहीं थी....