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शुक्रवार, 15 मई 2009

नीर क्रीड़ा

छोड़ो कल की बातें , कल की बात पुरानी.... आज हम दुबई के सबसे बड़े दुबई मॉल में 'डांसनिंग फाउण्टैन' देख कर आए, दुबई की सबसे ऊँची ईमारत बुर्ज दुबई के सामने अलग अलग भाषाओ के गीतों पर झूमते हुए पानी को देख कर हम भी झूम उठे...
नीर क्रीड़ा कहें या नीर नृतक अभी पोस्ट का नाम सोच ही रहे थे कि वरुण की याद आई जो इसकी गहराई में जाकर सोचेगा कि सबसे पहले तो इंसान की लयाकत को सलाम करता , फिर इलैक्ट्रिक आर्ट का शीर्षक देने की बात करता क्यों कि बिजली और संगीत की धुन पर पानी की खूबसूरती को चार चाँद जो लग गए...
इंसान ने ही अरब सागर को दुबई के अन्दर खींचकर कैनाल को और सुन्दर रूप दे दिया .... फिर छोटी छोटी बातों पर किसका ध्यान जाता है....
आप विद्युत द्वारा बनाई गई इस नीर नृतक की फिल्म ज़रूर देखिए...

18 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

अद्भुत

-हम तो इसे 'जल तरंग' ही कहते.

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

उपर उडता फव्वारा और जल तथा सँगीत, मन प्रसन्न कर देता है मीनाक्षी जी
सच है, रोज भी देखेँ तब भी जी ना भरेगा :)
- लावण्या

सुजाता ने कहा…

बहुत प्यारा अनुभव है !!सुन्दर !

रंजन ने कहा…

bahut sundar..

बेनामी ने कहा…

singpore santosa mae bhi yae daekhane ko miltaa haen aur dillimae akshardham temple mae bhi iskaa chotta swaroop haen jo vaakii sunder haen kyuki om kaa achcha prayog haen wahaan .

डॉ .अनुराग ने कहा…

पानी कभी कभी कितनी शान्ति देता है ना.....आप ऐसे ही रहा कीजिये ... मस्त.....

पारुल "पुखराज" ने कहा…

bahut bahut sundar..

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

मानव मस्तिष्क और श्रम भी अद्भुत रचनाएँ रचता है।

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

जैसे मन में नृत्‍य करते हैं विचार
मन में उमड़ते हैं भाव बेमिसाल
कर रहा है नृत्‍य पानी भी देख लो
बिखराकर विद्युत की छटा बेमिसाल।

शेफाली पाण्डे ने कहा…

वैसे तो मेरी ससुराल कानपुर और दुबई का मेल नहीं .....लेकिन वहां भी एक ऐसा ही संगीतमय झरना है ....इसे देखकर उसकी याद आ गयी .....

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

धन्यवाद है आपको जिसने,जल क्रीड़ा क्या खूब दिखाया,
घर बैठे हम जैसों को,दुबई का क्या शैर कराया.

संगीता पुरी ने कहा…

गजब का दृश्‍य .. सुवयवस्थित ढंग से कोई भी काम हो अच्‍छा लगता है .. और इसलिए ये जल क्रीडा भी मन को मोह रही है।

बलराम अग्रवाल ने कहा…

मन में तरंगें हों तो पानी भी नाचता-सा दिखता है।

Girish Kumar Billore ने कहा…

ज़ोरदार

arbuda ने कहा…

क्या बात है, मज़ा आ गया देख कर. मेरे दुबई छोड़ने तक यह तैयार नहीं हुआ था, आज आपने दिखा दिया. वैसे दुबई माल दुबई का ही नहीं विश्व का सबसे बड़ा माल है. सबसे ऊँची ईमारत के साथ बना हुआ...इमारात में . दुबई से दूर रह कर भी दुबई की झलक मिल गई, शुक्रिया मीनाक्षी.

गौतम राजऋषि ने कहा…

अपनी किस्मत में कहाँ हो पायेगा...तो आपके शब्दों के जरिये देखते हैं...

vijay kumar sappatti ने कहा…

namaskar ,

dubai ke is jal kriya ko ham sirf insaani soch aur taaqat ka nateeja kah sakte hai ....
bus insaan ko hi naman hai ...

aapne itni acchi rochak jaankari di , iske liye aapko badhai ..

meri nayi kavita " tera chale jaana " aapke pyaar aur aashirwad bhare comment ki raah dekh rahi hai .. aapse nivedan hai ki padhkar mera hausala badhayen..

http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/05/blog-post_18.html

aapka

vijay

अनूप शुक्ल ने कहा…

बहुत सुन्दर!