कई दिनों से ब्लॉग़र डॉट कॉम बन्द है, प्रेम ही सत्य है जो अब आखिरी साँसें लेने लगा है. शायद जी उठे...या फिर खत्म हो जाए... हो सकता है पुर्नजन्म हो..कब क्या हो जाए कुछ पता नहीं .. लेकिन विश्वास पर दुनिया टिकी है....
पहले पारिवारिक उत्तरदायित्त्व , यात्राएँ.. अतिथि , फिर कभी ऐसा भी समय आता है जब कुछ कर न पाने की विवशता से मन छटपटाने लगता है....
चिट्ठाजगत , नारद और ब्लॉगवाणी सब खुलते हैं लेकिन मयखाने से सजे ब्लॉग़ अन्दर आने की इजाज़त नहीं देते (ब्लॉग खुलते ही नहीं)... हम भी किसी से कम नहीं...सीधे दरवाज़े से अन्दर आने की अनुमति नहीं तो पीछे के रास्ते से (प्रोक्सी लिंक) से अन्दर घुस जाते हैं. फ्री ऑवरज़ की पीकर चुपचाप खिसक आते हैं बिना टिप दिए... (प्रोक्सी करते हुए टिप्पणी देने का विधान नहीं)
सच में मान लिया कि ब्लॉगिंग का नशा सबसे खतरनाक....
आज तक हर नशे को ठोकर लगाते शान से जीते आए. किसी भी तरह के नशे को अपनी कमज़ोरी नहीं बनने दिया फिर यहाँ......! इस नशे को जीतना अब चुनौती सा बन गया है.... !
अभी अभी एक चमत्कार हो गया... जीमेल के ऑप्शन को क्लिक करने पर डैशबोर्ड खुल गया. जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है, लगे हाथों आ रहे पर्वों की बधाई ही दे दें. आज नहीं तो कल समस्या का समाधान भी मिल जाएगा.
आज ईरानियों की शब ए आखिर है मतलब पुराने साल का आखिरी दिन...कल नूरोज़ यानि नया साल ... साल ए नू मुबारक ... कल मोहम्मद साहब के जन्मदिन की छुट्टी भी है लेकिन कल ही 12वीं के बोर्ड की गणित की परीक्षा भी है.
फिर गुड फ्राइडे का दिन और उसी दिन होली का त्यौहार ...
दुबई में कुछ खास खास जगह पर होली खेली जाती है. बरसों बीत गए होली खेले सो अब फोन और मेल के ज़रिए ही सबको होली की मुबारक दे देते हैं.
सबको होली मुबारक .... रविवार के दिन ईस्टर है...
दुबई में सब त्यौहारों के बारे में पता चल जाता है उसके ठीक विपरीत रियाद में कभी कभी त्यौहार निकल जाने के बाद दोस्तों से पता चलता कि पर्व आया भी और गया भी.
बरसों से होली आए रंग-बिरंगे सपने लाए. सूखे रंगों से भीगे तनप्रेम के रंग में डूबे मन. पब्लिश बटन को दबाना है, ब्लॉग को व्यू तो कर नहीं सकते.
अब देखना यह है कि यह पोस्ट 'ठिलती' है या नहीं.
(समस्या का समाधान करने वाले दोस्तों को अग्रिम आभार)