"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
अभी से क्यों इस मिलन की चिंता ... उम्र लम्बी है अभी सुलगने के लिए ...गहरे शब्द ...
सुंदर प्रस्तुति , मीनाक्षी जी धन्यवाद !Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 5 . 9 . 2014 दिन शुक्रवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !
धुंए को उड़ाने वाले कब ज़िंदगी की परवाह करते हैंवे ज़िंदगी को भी सिगरेट ही समझते हैं
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3 टिप्पणियां:
अभी से क्यों इस मिलन की चिंता ... उम्र लम्बी है अभी सुलगने के लिए ...
गहरे शब्द ...
सुंदर प्रस्तुति , मीनाक्षी जी धन्यवाद !
Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 5 . 9 . 2014 दिन शुक्रवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !
धुंए को उड़ाने वाले कब ज़िंदगी की परवाह करते हैंवे ज़िंदगी को भी सिगरेट ही समझते हैं
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