उम्र....
कोरे काग़ज़ जैसी
कभी हरकत करती उंगलियों सी
कभी काँपती कलम सी ..!!
उम्र .....
खाली प्याले सी
कभी लबालब झलकती सी
कभी आखिरी बूँद को तरसती सी... !!
उम्र.....
सिगरेट के धुएँ सी
कभी लबों से कई रूप लेती सी
कभी सीने में सुलगती सी.. !
उम्र.....
पतझर का मौसम भी
वक्त के पैरों तले
चरमराते चीखते पत्तों सी ....!!
रंजना जी की लेखनी का शुक्रिया जिसके कारण मेरी कलम भी कुछ कह उठी ..!
19 टिप्पणियां:
बेहद सुन्दर रचना ।
ये भी खूब रही। आपने भी बहुत अच्छा लिखा। रंजना जी को दाद देना चाहिए जो उन्होंने इतने दिनों से ठहरी हुई आपकी कलम को हरकत में ला दिया :)
सुभानाल्ह........क्या खूब कहा है ..क़त्ल !!!!!
सिगरेट के धुएं का बिम्ब बहुत प्रभावी है , पढ़ कर मज़ा आया .
umr
jee lee to apni
kat gyaii
to begani
उम्र
चाहे किसको कितना भी कंपा दे
पर मिले अनुभव आप सदा ही
सबमें बांटे
दूर हो जाएं जिससे
उम्र में आने वाले कांटे।
क्या बात है !
उम्र ..
यूँ ही
कुछ बीतते पलों की
तेरी मेरी बात कह गयी ...:)
आपने तो उम्र के और भी सुन्दर रंगों को लफ्जों का जामा पहना दिया .शुक्रिया लिखने के अनुरोध को मानने का
माशाल्लाह ......बहुत खूब
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
वाह बहुत खूब .
उम्र.....
पतझर का मौसम भी
वक्त के पैरों तले
चरमराते चीखते पत्तों सी ....!!
waah bahut hi khubsurat
वाह! लगता है हर कोई उम्र के बारे में सोच रहा है।
वाह !!! क्या बात है....दोनों रचनाओं को एक जगह रख दिया जाय तो लाजवाब मुशायरा हो जायेगा.....
बहुत बहुत सुन्दर लिखा है आपने...
उम्र - पोस्ट भी टिप्पणियां भी और सतत न लिखने का उलाहना भी!
बहुत सुँदर अभिव्यक्ति
- लावण्या
बहुत ही बेहतरीन रचना बहुत ही सुंदर
इन शब्दो क़ी उम्र भी बहुत लंबी होगी.. और होनी भी चाहिए.. तभी तो हमारी उम्र लंबी होगी..
teen din baad padh paai didi....! magar bahut hi achchhi
उम्र भी इतनी खूबसूरत अभिव्यक्ति ।
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