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मंगलवार, 10 जून 2008

तस्वीरों का सफर ... !

दमाम से कुछ दूरी पर देहरान में एक नया मॉल खुला. शाम को जब तक पहुँचते सला का वक्त हो गया था... सो हमने विंडो शौपिंग का ही सबसे पहले आनंद लिया... उसी दौरान अपने मोबाइल से कुछ तस्वीरें लेने का मन हो गया... बस किसी तरह इच्छा पूरी कर ही ली ..






देखा हमने
मॉल देहरान का
नया नवेला








पल दो पल
बातों में मशगूल
पिता औ' पुत्र







दोस्त मिले दो
दम लेने को बैठे
कॉफी थे पीते








सला का वक्त
पर्दे में गपशप
दुकाने बंद





फैलती खुश्बू
सिनामन रोल की
मुँह में पानी













बुर्के में बंद
ख्वाहिशे हैं हज़ार
पूरी हों अब

21 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

बुर्के में बंद
ख्वाहिशे हज़ार
पूरी हों अब
kya ye khwahishe kabhi aazad nahi hongi?,
aapka to jawab nahi,jitni khubsurat mall ki tasveerin hai,haiku bhi utane hi mast,ye satta?kya hota hai ?

will u tell me if there women r not allowed to out without burkha and husband or ccar driver,they how the working women go to work place there,i mean doctors,eng womens,or how the girls go in school? alone or always someone is accopaning them ?

कुश ने कहा…

हाइकू ओर तस्वीरो का कॉंबिनेशन लाजवाब है..

मीनाक्षी ने कहा…

महक जी, लगता है एक पोस्ट ही बना देनी चाहिए..क्योंकि अभी भी कई लोगों को सउदी के बारे में कई शंकायें हैं..
सला मतलब नमाज पढने का वक्त ...अजान होते ही सब काम बंद हो जाते हैं और लोग नमाज पढने जाते हैं... बाजारों और मॉल में औरते इंतज़ार करती हैं और अगर वहां औरतों के नमाज पढने की जगह होती है तो वे भी नमाज अदा करती हैं....

बेनामी ने कहा…

Good Pics. Aapne to sara nazara hi jeevant kar diya

Unknown ने कहा…

badhai ho, aap bhi mall sanskriti ka hissa ban gayen.

रंजू भाटिया ने कहा…

तस्वीरे तो लाजवाब है ..पर यह तो और प्यास बढ़ा गई की वहाँ के बारे में पूरा जाने ..वहाँ के रीति रिवाज़ रहन सहन .जल्दी से बारी बारी सब लिख डालिए इंतज़ार है अगली पोस्ट का तस्वीर के साथ साथ वहाँ के बारे में जानने का भी

Sanjay Karere ने कहा…

सुंदर तस्‍वीरें, सुंदर विवरण.... अपने अवकाश के पलों का पूरा आनंद उठा रही हैं वहां.... अच्‍छा है जी लीजिए आनंद...

नीरज गोस्वामी ने कहा…

मिनाक्षी जी
चलिए आप के साथ नया माल भी घूम लिए...सउदी के बाकि हिस्सों की सैर भी कभी करवाईये...मैं दुनिया भर में कई बार घूमा हूँ लेकिन सउदी कभी नहीं गया...जान ने की इच्छा है.
नीरज

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

एक टिप्पणी के बदले
देहरान का मॉल देखना
बढ़िया सौदा!

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

पुरुष सब श्वेत चोंगों में और महिलाएँ काले बुर्कों में ढंकी? यह रंग बदल नहीं सकता?

बालकिशन ने कहा…

आपके साथ हम भी घूम लिए जी.
बहुत ही अच्छा वर्णन किया आपने
बधाई.

Abhishek Ojha ने कहा…

ज्ञान जी की तरह हमें भी सौदा फायदे का रहा. :-)

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

मीनाक्षी जी,
यही नज़ारे यहाँ भी होते हैँ मोलो मेँ ..
सीनाबोन काफे से उठती
दालचीनी की ,
तेज खुशबु,
भरी हुई दुकानेँ.. इत्यादी ..
पर कपडे
अलग होते हैँ स्त्री व पुरुषोँ के :)..
आप वहाँ के रहन सहन्,
रीति- रीवाज़ोँ के बारे मेँ भी लिखियेगा और एक अलग पोस्ट
भारतीयोँ के जीवन पर भी ..
हाईकु भी बढिया हैँ ..
स्नेह्,
- लावण्या

sanjay patel ने कहा…

मीनाक्षी दीदी
आपके मोबाइल कैमरे की आँख से ये सारे नज़ारे हमारी नज़रों में क़ैद हो गए.
चित्रों के साथ शब्द की जुगलबंदी भी बड़ी सुरीली है.

डॉ .अनुराग ने कहा…

बुर्के में बंद
ख्वाहिशे हज़ार
पूरी हों अब
दिल ले गई .आपकी ये पंक्तिया.....इस साल का मोबाइल फोटोग्राफर का इनाम आपके सर.....

बेनामी ने कहा…

oh yes meenakshi ji,i am one of them,who dont know any thing about arab countries:),aapke post ka intazaar rahega,khas kar waha ke womens ke baarein mein,aur india ke womens ki comparision mein unko kitni aazadi hai,wo kya kar sakti hai kya nahi kar sakti,will be waiting for that post.

पंकज सुबीर ने कहा…

जारी रखें इस बहाने से हमारी सैर हो जाएगी । और आपके जैसा गाइड मिल जाए तो दुबई में फिर हमे किस बात का डर । मोबाइल फोटो्ग्राफी का इनाम आपको जाता है तालियां

Udan Tashtari ने कहा…

बढ़िया चित्र और उम्दा हाईकु. बधाई.

Rajesh Roshan ने कहा…

बुर्के में बंद
ख्वाहिशे हज़ार
पूरी हों अब
beutifull line with nice photographs. Great combination

admin ने कहा…

इस मॉल से परिचय कराने के लिए शुक्रिया। लेकिन फोटो यदि थोडा और साफ होते, तो ज्यादा अच्छा लगता।