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मंगलवार, 11 मार्च 2008

फिर कीबोर्ड पर उंगलियाँ थिरकने लगीं !

आज दस बारह दिन बाद एक बार फिर कीबोर्ड पर उंगलियाँ थिरकने लगीं. कीबोर्ड के मधुर संगीत की स्वर लहरी कानों में ठंडक देने लगी. अलग अलग खुशबू लिए चिट्ठे आँखों के ज़रिए दिल और दिमाग में उतरने लगे. एक नशा सा छाने लगा.
कुछ दिन पहले गले में थोड़ा दर्द और फिर तेज़ बुखार .... हँसी हँसी में बीमार पड़ने की इच्छा की तो सचमुच बीमार पड़ गए. तेज़ बुखार और खाँसी ज़ुकाम की मार अभी एक रात ही भोगी थी कि कनाडा से आई पुरानी सखी ने हमें एक ही रात में खड़ा कर दिया. सोचा था कि 12-13 घंटे की हवाई यात्रा की थकान दूर करके अगले दिन ही मुलाकात होगी लेकिन पुरानी यादों के साथ सीधा ऐयरपोर्ट से हमें मिलने आ पहुँची. पुराने दोस्तों से मिलने की बात ही कुछ अलग होती है. शाल लपेट कर बुखार को छुपाते और निकल पड़ते हम घूमने.... चार पाँच दिन तो दुबई टैक्सी और बिग बस के टूर में निकल गए. पाँच दिन की दवा का कोर्स खत्म होते ही ड्राइविंग शुरु.... दिन में मस्ती और शाम होते होते घर पहुँचते तो बिस्तर पर गिर पड़ते......
इस दौरान हमने सहेली को घुमाते हुए फोटोग्रॉफी की और आराम के दौरान Rhonda Byrne की लिखी 'The Secret' पढ़ने में व्यस्त रहे. कुछ पंक्तियाँ जो मुझे अच्छी लगीं उन्हें जैसे का तैसा अंग्रेज़ी में ही लिख रही हूँ क्योंकि उसी भाषा में ही उसके अर्थ की महत्ता दिख पाएगी.
"You are like a human transmission tower, transmitting a frequency with your thoughts. If you want to change anything in your life, change the frequency by changing your thoughts."

"Your thoughts determine your frequency, and your feelings tell you immediately what
frequency you are on. When you feel bad, you are on the frequency of drawing more bad things. When you feel good, you are powerfully attracting more good things to you."

"Beliefs about aging are all in our minds, so release those thoughts from your consciousness. Focus on health and eternal youth."

"Praise and bless everything in the world, and you will dissolve negativity and discord and align yourself with the highest frequency – love."

कुछ तस्वीरें जो हमने अपनी दोस्त को दुबई घुमाते हुए अपने कैमरे में कैद कीं. दुबई का ही नहीं अरब देश के लोगों का मिलता जुलता यह रूप पुराना है लेकिन खास है... विकास के इस दौर में रेगिस्तान में बद्दू लोग आज भी इसी तरह से रहना पसन्द करते हैं और कुछ तो रह भी रहे हैं.


दुबई म्यूज़िम में बेडरूम में अरबी मज़लिस पर बैठी औरत....


घर के बाहर अक्सर लोग बैठकर हुक्का गुड़गुड़ाते और सुलेमानी चाय पीते दिखाई देते हैं.

रेगिस्तान में टैंट के बाहर अलाव जलाकर हाथ से बने वाद्य यंत्र बजाते हुए अरबी लोकगीत गाते हैं और सुलेमानी चाय का मज़ा लेते हैं.




दूर रेगिस्तान में टैंट में बद्दू परिवार सभी सुविधाओं के साथ आज भी इसी तरह से रहना पसन्द करता है. आजकल भी 40-50 भेड़-बकरियाँ और ऊँट का मालिक रेगिस्तान में इसी तरह से रहता है.


रमादान के दिनों में ही नहीं बल्कि सर्दी हो या गर्मी हो, हर रोज़ कई किस्म की ताज़ी खजूर इस तरह से बिकती हैं.





शैल से मोती निकालने के औज़ार





गोताखोर अपनी नाव से रस्सी बाँध कर समुद्र में नीचे उतरता है और गोता लगा कर मोती लगे शैल गले में लगी टोकरी में इक्ट्ठे करता है.

13 टिप्‍पणियां:

Pankaj Oudhia ने कहा…

चलिये आपका स्वागत है एक बार फिर। इस चिंता मे था कि कही पाबन्दी वाला संस्मरण लिखने से आप मुसीबत मे तो नही पड गयी।

अब एक त्रिपदम हो जाये।

बेनामी ने कहा…

Dubai ghumane ke liye dhanyvad

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

बहुआयामी आलेख है यह। अमूल्य गद्यांश और चित्र हैं। ये अरबी स्थानीय जीवन के बारे में बहुत कुछ बताते हैं।

बेनामी ने कहा…

मीनाक्षी जी
नाम के अनुरूप
मीना और धनी
चित्र तलाश लेती हैं
खींच लेती हैं आप भी
जीवंत चित्र
चित्र वही जो बोलें
बिना बोले ही
जानकारी बटोरें.

Sanjay Karere ने कहा…

सुंदर चित्र हैं और अच्‍छा विवरण.. अब स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान रखिएगा.

काकेश ने कहा…

आप जल्दी स्वस्थ होकर उसी ऊर्जा से लौटे यही कामना है.

बेनामी ने कहा…

bahut sundar photo hai,registan ka janjeevan samajh sake,khubsurat,magar kathin hai kya waha jeena tent mein?pani kaha store karte hai tent mein nalka hota hai kya?tk cr of ur health,get well soon.

अजय कुमार झा ने कहा…

meenakshi jee,
aap ke lekhnee se nikale ya soch se hameshaa intzaar rehtaa hai aur ye nirartahk nahin hota. shukra hai ki aap waapas aa gayee.

मीनाक्षी ने कहा…

आप सभी का धन्यवाद ..अब काफी ठीक हूँ..
महक , बहुत अच्छा सवाल किया...बद्दू लोगों के पास बड़ी गाड़ियाँ होती हैं.. हर टैंट के पास एक पानी का टैंक होता है और बड़ी बैटरी होती है जिससे लाइट का इंतज़ाम होता है. आजकल तो टैम्पेरेरी टॉयलेट भी दिखने लगा है. समय समय पर ज़रूरी सामान शहर से लाया जाता है.

Sanjeet Tripathi ने कहा…

चलिए आप स्वस्थ हैं अब यह अच्छा लगा!!
द्विवेदी जी से सहमत हूं!!

रवीन्द्र प्रभात ने कहा…

आपकी सकारात्मक ऊर्जा अनवरत जारी रहे और आप आरोग्यता की शीतल छाया में विश्राम करती रहें , इन्ही शुभकामनाओं के साथ !

कंचन सिंह चौहान ने कहा…

vahi to ham kahe.n ki kaha.n hai.n aap...?

बेनामी ने कहा…

shukriya,meenakshiji,ab samjhe hum pani store wali baat ko.apki health well hai ab achha laga.tk cr.