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बुधवार, 26 दिसंबर 2007

सुनहरा अतीत गीतों में गुनगुनाता हुआ .....

आज पहली पोस्ट जो खुली रेडियोनामा की "फ़िज़ाओं में खोते कुछ गीत" जिसे पढ़कर लगा कि जहाँ चाह हो, वहाँ राह निकल आती है...
संयोंग की बात कि हमारे सिस्ट्म में कुछ पुराने गीतों का फोल्डर है जिसमें उषा जी का गाया हुआ 'भाभी आई' गीत है. सुर नूर लखनवी के हैं और संगीत दिया है सी रामचन्द्रन ने.
हालाँकि अन्नपूर्णा जी सुधा मल्होत्रा का गाया गीत सुनना चाहती हैं , इस बात की कोई जानकारे नहीं है हमें. फिलहाल इस गीत को सुनिए ..आशा करती हूँ कि आपको पसन्द आएगा.

10 टिप्‍पणियां:

Ashish Maharishi ने कहा…

सुंदर अति सुंदर

Sanjay Karere ने कहा…

मीनाक्षी आप ने ऐसा गीत सुनाया कि मन खुश हो गया. कहां से ढूंढ लाती हैं ये दुर्लभ से गाने. अब उस फोल्‍डर में और क्‍या छुपा रखा है सो वो भी जल्‍दी से सुनवाएं.

राकेश खंडेलवाल ने कहा…

चलो फिर यादगारों की अंधेरी कोठरी खोलें
कम-अज-कम एक चेहरा तो पहचाना हुआ होगा
( दुष्यंत कुमार )

Yunus Khan ने कहा…

बहुत बढि़या है जी । हमारा मनपसंद गाना है ।
अन्‍नपूर्णा जी को बताना होगा कि सिलसिला शुरू हो गया है । बुकमार्क करते जाईये ।

Ramesh Ramnani ने कहा…

वाह़ अनपूर्णा जी वाह! बहुत खूब! सच में मज़ा आ गया! ऐसे ही अपने पिट्टारे में से दुर्लभ गीतों को सुनवाती रहियेगा!

रमेश

पारुल "पुखराज" ने कहा…

दी, मेरे बेटे बहुत खुश हो रहे हैं ये प्यारा गीत सुन सुन कर्……शुक्रिया

Pankaj Oudhia ने कहा…

कम्प्यूटर तो बरसो से है पर कभी स्पीकर नही लगवाया। अब इतनी सारी पोस्टे आ रही है तो लगता है स्पीकर खरीदना ही पडेगा। आपने कुछ त्रिपदम गढा होगा यह सोच कर आये थे। खैर अगली बार सही।

annapurna ने कहा…

जहां तक मुझे ध्यान में आ रहा है ये गीत सुधा मल्होत्रा ने गाया है पर हो सकता है मेरी जानकारी ग़लत हो। ठीक जानकारी यूनुस जी दे सकते है।

आपने मेरा चिट्ठा पढा और उसमें बताया गया गीत भी सुनवाया, बहुत-बहुत शुक्रिया !

Anita kumar ने कहा…

वाह मजा आ गया

मीनाक्षी ने कहा…

आप सबका धन्यवाद.. जानकर अच्छा लगा कि सबको गीत पसन्द आया. पंकज जी, स्पीकर लगवा ही लीजिए. संजय जी लगता है कि अपना फोल्डर लाइफलॉगर में डाल कर वही आइडी सबको दे देनी चाहिए.