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शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2007

तुम



फूलों से खूशबू पाकर , जीवन में महकना तुम
काँटों से ताकत पाकर, दुखों से लड़ना तुम !

हार शब्द को याद कभी न रखना तुम
कठिन पलों को हँस कर गुज़ारना तुम !

वक्त को अपनी मुट्ठी में बंद रखना तुम
रेत सा कभी हाथ से जाने न देना तुम !

गए वक्त की यादों को संजोए रखना तुम
आए वक्त का मुस्कान से स्वागत करना तुम !


कड़वे अतीत को प्यार से सदा याद करना तुम
मीठे भविष्य का सुन्दर सपना तैयार करना तुम !

( आज के दिन यह कविता परिचित- अपरिचित सभी लोगों के नाम )

6 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

बहुत ही अच्छी कविता... विशेषकर दो पंक्तियों का उल्लेख करना चाहूंगा...
वक्त को अपनी मुट्ठी में बंद रखना तुम
रेत सा कभी हाथ से जाने न देना तुम !
बहुत ही प्रभावकारी हैं...

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

फूल और कांटे - दोनो की अहमियत, दोनो के गुण। दोनो ही महत्वपूर्ण। Pairs of opposites बहुत जरूरी हैं जीवन में।
बहुत अच्छा लगा पढ़ और तत्पश्चात सोच कर।

Udan Tashtari ने कहा…

एक विश्वास जगाती सकारात्मक कविता, बहुत बढ़िया. आभार प्रेरणादायी बातों को इस तरह विस्तार देने का.

Sanjeet Tripathi ने कहा…

संदेश देती हुई इस सुंदर रचना के लिए शुक्रिया व बधाई!!

हरिराम ने कहा…

अच्छी शिक्षाप्रद कविता। बच्चों के लिए विशेष।

Anita kumar ने कहा…

मिनाक्षी जी बहुत ही प्रेरणादायक कविता है, बधाई