मुत्यु को इतने प्यार से मुस्करा कर कोई गले लगा सकता है इसका जीता जागता उदाहरण अमेरिका के कॉलेज का कम्पयूटर साइंस का प्रोफेसर 46 वर्षीय रैण्डी पॉश. जिन्हें कैंसर है और कुछ ही महीनों के मेहमान हैं. दस किश्तों में उन्होंने जो लास्ट लैक्चर दिया है उनमें ज़िन्दगी को ज़िन्दादिली से जीने की मह्त्त्वपूर्ण बातें छिपी हैं.
प्रो. रैण्डी ने लैक्चर शुरु करने से पहले दण्ड बैठक लगा कर सबको यह कहना चाहा कि अगर कोई मेरी तरह दण्ड बैठक लगा सकता है तभी सहानुभूति दिखाने की कोशिश करे.
बड़ी सरलता से उन्होंने कहा कि यह आखिरी लैक्चर उनके बच्चों के लिए है जो अभी छोटे हैं लेकिन बड़े होकर अपने पिता को अच्छी तरह समझ सकेंगे.
अपनी पत्नी को जन्मदिन की बधाई देते हुए खुद मुस्कराते हुए सभी को रुला दिया. आँसू पोंछती हुई पत्नी एक मोम बत्ती को बुझा कर पति के गले लग कर रो पड़ी.
अपने बचपन को याद करके आज के माता-पिता को सन्देश देते हुए कहा कि बच्चों को कभी कभी उनकी इच्छानुसार कुछ काम करने की इजाज़त दे देनी चाहिए. उन्होंने अपने कमरे की दीवारों को दिखाया जहाँ उन्होंने गणित की कुटेशंज़ लिखी हुई थीं.
कम्पयूटर आर्टस और 'वर्चुयल रीयल्टी' को लेकर उन्होंने कॉलेज में काफी नाम कमाया.
सभी सहकर्मी जो भी मंच पर बोलने आ रहे थे , सबके गले रुँधे हुए लेकिन होंठो पर मुस्कान और आँखें नम थी. बीच बीच में आँखें नम होती रहीं लेकिन अपने आप को रोक न सकी और एक के बाद एक सभी किश्तों को एक बार में देख कर ही उठी.
आशा है आप भी देखना पसन्द करेंगे.
http://www.youtube.com/watch?v=_8kUTUIveyA
(यूट्यूब के पेज़ को खोलने पर दाईं तरफ दस किश्तें भी देखी जा सकती हैं)
http://www.cs.cmu.edu/~pausch/news/index.html
(इस पेज पर प्रो. रैण्डी पॉश के बारे में पढा भी जा सकता है.)