सामने से उसे आते देख मैं चौंक गई
सुन्दर, सौम्य, मुस्काती नम्र नम आँखें
चाल में शालीनता, चेहरे पर नहीं मलिनता
किसी ने कहा - "देखते ही पता चलता है
वह घमण्डी है, नकचढ़ी है!"
किसी ने कहा - " नहीं नहीं , वह गूँगी है,
उसे बोलना ही नहीं आता है !"
किसी ने कहा - "कछुए की तरह सदा अपने
कवच में छिपी रहती है !"
किसी ने कहा - "हीन भावना से ग्रस्त शायद
निर्धन घर की लड़की है !"
किसी ने कहा - "बन्द किताब का वह एक
कोरा पन्ना है !"
लेकिन
किसी ने नहीं कहा था - "वह भावुक संवेदनशील
ह्रदय वाली है !"
किसी ने नहीं कहा था - "उसका मन शीशे जैसा
बेहद नाज़ुक है !"
किसी ने नहीं कहा था - "वह मानव के छल-कपट
से आहत है!"
किसी ने नहीं कहा था - " वह प्रेम रस पीने को
व्याकुल है!"
सामने से उसे आते देख मैं समझ गई !
इन आँखों को पढ़ना बहुत मुश्किल है !
पढ़ लिया तो फिर समझना मुश्किल है !
समझ लिया तो फिर भूलना मुश्किल है !
सुन्दर, सौम्य, मुस्काती नम्र नम आँखें
चाल में शालीनता, चेहरे पर नहीं मलिनता
किसी ने कहा - "देखते ही पता चलता है
वह घमण्डी है, नकचढ़ी है!"
किसी ने कहा - " नहीं नहीं , वह गूँगी है,
उसे बोलना ही नहीं आता है !"
किसी ने कहा - "कछुए की तरह सदा अपने
कवच में छिपी रहती है !"
किसी ने कहा - "हीन भावना से ग्रस्त शायद
निर्धन घर की लड़की है !"
किसी ने कहा - "बन्द किताब का वह एक
कोरा पन्ना है !"
लेकिन
किसी ने नहीं कहा था - "वह भावुक संवेदनशील
ह्रदय वाली है !"
किसी ने नहीं कहा था - "उसका मन शीशे जैसा
बेहद नाज़ुक है !"
किसी ने नहीं कहा था - "वह मानव के छल-कपट
से आहत है!"
किसी ने नहीं कहा था - " वह प्रेम रस पीने को
व्याकुल है!"
सामने से उसे आते देख मैं समझ गई !
इन आँखों को पढ़ना बहुत मुश्किल है !
पढ़ लिया तो फिर समझना मुश्किल है !
समझ लिया तो फिर भूलना मुश्किल है !