"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव
जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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बुधवार, 7 अगस्त 2024
ज़िंदगी समतल जमीन नहीं
ज़िंदगी zigzag सी चलती है, शायद यही इसकी खूबसूरती है । नकरात्मता होती है तो हम सकारात्मक होने के लिए तत्पर होते हैं इसलिए दोनों भाव साथ साथ चलते हुए हमारे व्यक्तित्व में निखार लाते हैं -
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