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बुधवार, 26 मार्च 2008

मेरे त्रिपदम (हाइकु)










सपना आया
साया मन को भाया
स्नेह की छाया

खड़ी मुस्काये
आज नहीं तो कल
पाना तुझको

विश्वास मुझे
जन्मों जन्मों का नाता
मिलना ही है

14 टिप्‍पणियां:

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

जी हां विश्वास पर ही चलता है सब।

बेनामी ने कहा…

sach vishwas hi aasha jagata hai man mein,ati sundar haiku hai.

अमिताभ मीत ने कहा…

वाह ! अच्छा लगा.

सुनीता शानू ने कहा…

विश्वास मुझे
जन्मों जन्मों का नाता
मिलना ही है

कितना अटूट विश्वास!
बहुत सुन्दर...

Unknown ने कहा…

बहुत बढ़िया - स्नेह की छाया

अबरार अहमद ने कहा…

बहुत सुन्दर

Pankaj Oudhia ने कहा…

गजब है माँ-बेटे की जुगलबन्दी। विद्युत का फोटो ब्लाग कब से शुरु हो रहा है?

art ने कहा…

vidyut ke chitra bahut hi sundar hai meenanxi di

राज भाटिय़ा ने कहा…

भई साया आप के मन कॊ भाया हे, तो हम तो यही कहे के आप का सपना सकार हो,

Sanjeet Tripathi ने कहा…

सुंदर!!
पंकज अवधिया जी ने सही कहा, आप दोनो की जुगलबंदी मस्त है!

mamta ने कहा…

बहुत सुंदर त्रिपदम और फोटो।

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

अच्‍छे हाईकू

रवीन्द्र प्रभात ने कहा…

अच्छा लगा , आभार !

कुश ने कहा…

हा ई कू मुझे हमेशा से प्रिय है.. हर कोई इसमे पारंगत नही हो पाता ..आपने बहुत बढ़िया लिखे है.. बधाई स्वीकार करे