"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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शनिवार, 3 नवंबर 2007
मेरे सपनों का जश्न
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क्यों तटस्थ रहूँ मैं सदा मौन अनुचित पर चिंतन करे कौन ! क्यों खामोश रहे मेरी सोच क्यों ने मिले उसे कोई बोल ! क्यों उठे हूक जब होती चूक क्यों ...
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