"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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शुक्रवार, 2 नवंबर 2007
तम ने घेरा !
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तम ने घेरा मेरे तन को कुछ न सूझे मेरे मन को. छोटे छोटे कण्टक-कुल में उलझा आँचल मेरा ! घायल औ' निष्प्राण हो गया रोम-रोम मेरे तन का ! तम ...
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