"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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नन्हीं कोंपल सी कविता
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शुक्रवार, 20 मई 2011
रेगिस्तान का रेतीला रूप
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(28 मई 2009 का ड्राफ्ट) दूर दूर तक फैले रेगिस्तान का रेतीला रूप निहारा... सराहा.... महसूस किया जैसे हो माँ का आँचल लहराता... बलखाता.....
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गुरुवार, 24 मार्च 2011
इंतज़ार है बस
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भरम में खड़े हैं शायद वो चलेंगे साथ दो कदम तन्हा बुत से बने हैं उस पल का इंतज़ार है बस रुके हैं वहीं जहाँ से शुरु कि...
12 टिप्पणियां:
शनिवार, 28 मार्च 2009
कुछ मेरी कलम से भी ......
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उम्र.... कोरे काग़ज़ जैसी कभी हरकत करती उंगलियों सी कभी काँपती कलम सी ..!! उम्र ..... खाली प्याले सी कभी लबालब झलकती सी कभी आखिरी बूँद को तरसत...
19 टिप्पणियां:
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