"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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शुक्रवार, 15 मई 2020
मस्त रहो
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महामारी के इस आलम में मन पंछी सोचे अकुला के छूटे रिश्तों की याद सजा के ख़ुद ही झुलूँ ज़ोर लगा के आए अकेले , कोई ना अपन...
4 टिप्पणियां:
बुधवार, 6 जून 2018
अनायास
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आभासी दुनिया में ब्लॉग जगत की अपनी अलग ही खूबसूरती है जो बार बार अपनी ओर खींचती है अनायास.. पुरानी यादों का दरिया बहता चट्टानों स...
14 टिप्पणियां:
सोमवार, 30 जून 2014
इक नए दिन का इंतज़ार
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हर नया दिन सफ़ेद दूध सा धुली चादर जैसे बिछ जाता सूरज की हल्दी का टीका सजा के दिशाएँ भी सुनहरी हो उठतीं सलोनी शाम का लहराता ...
6 टिप्पणियां:
सोमवार, 5 मई 2014
अपनापा
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रोज़ की तरह पति को विदा किया दफ़तर के बैग के साथ कचरे का थैला भी दिया दरवाज़े को ताला लगाया फिर देखा आसमान को लम्बी साँस ले...
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