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शुक्रवार, 27 मई 2016
शनिवार, 21 मई 2016
बच्चों जैसा उतावलापन था ! लाइसेंस लेते वक्त !
मेरी यादों की गुल्लक में आज भी सालों पुराने ड्राफ्ट ताज़ा हैं. जैसे कल की बात हो जब ड्राइविंग लाइसेंस
मिलने पर सबने दावत माँगी थी. दुबई में लाइसेंस मिलना आसान नहीं और मिल जाए तो फिर ड्राइविंग
स्कूल में भी मिठाई बाँटनी पड़ती है. दस साल पहले तुकबन्दी की थी जो आज साझा करने को जी चाहा.
मुझे रात दिन ये ख्याल है
लाइसेंस मुझको मिलेगा कब
मुझे रात दिन ये ख्याल है
लाइसेंस मुझको मिलेगा जब
दिन रात नाचूँगी मै तो तब
लाइसेंस मुझको मिलेगा जब
टेस्टों का ज़ालिम ये सफ़र
कहीं कर न डाले दर बदर
मुझे रात दिन ये ख्याल है
लाइसेंस मुझको मिलेगा कब
मुझे रात दिन ये ख्याल है
कैसे सँभालूँ मै दिल को अब
बिलाहासा हँसता रुलाता है
ट्रैनिंग को जब भी मैं जाती हूँ
टीचर के संग ड्राइवर के संग
रिश्ते अनोखे बने है अब
एग्ज़ामिनर हमारे अजूबे है
हँसना उन्हे आता है कब
हथकन्डे वो अपनाते है जब
नर्वस सभी हो जाते है तब
पिया को कहूँगी मैं तो तब
प्यारी 'पैजो' दिला दो अब
प्यारी 'परैडो' दिला दो अब
लाइसेंस मुझको मिला है अब
मुझे रात दिन ये ख्याल है
सब कुछ अभी भी याद है !
गुरुवार, 19 मई 2016
अजब दिल की वादी , अजब दिल की बस्ती
रात की ख़ामोशी में कुछ गज़लें दूर किसी नई दुनिया में ले जातीं हैं... सुनिए और महसूस करके बताइए !
ये शीशे, ये सपने, ये रिश्ते, ये धागे
ये शीशे, ये सपने, ये रिश्ते, ये धागे
किसे क्या खबर है कहाँ टूट जाएँ
मुहब्बत के दरिया में तिनके वफा के
ना जाने ये किस मोड़ पर डूब जाएँ.....
अजब दिल की वादी, अजब दिल की बस्ती
हर एक मोड़ पर मौसम नई ख्वाहिशों का
लगाए हैं हमने भी सपनों के पौधे
मगर क्या भरोसा यहाँ बारिशों का
मुरादों की मंज़िल सपनो में खोए
मुहब्बत की राहों पे हम चल पड़े थे
ज़रा दूर चल कर जब आँखे खुली तो
कड़ी धूप मे हम अकेले खड़े थे....
जिन्हें दिल से चाहा, जिन्हें दिल से पूजा
नज़र आ रहे हैं वही अजनबी से
रवायत है शायद ये सदियों पुरानी
शिकायत नही है कोई ज़िन्दगी से ...
सोमवार, 16 मई 2016
मीठी सी माँ है (हाइकु)
मीठी -सी माँ है
लोरी मिश्री सी घुली
प्यार की डली
लोरी मिश्री सी घुली
प्यार की डली
*********
माँ की बिटिया
प्यार दुलार पाया
सबल हुई ।
प्यार दुलार पाया
सबल हुई ।
"मीनाक्षी धंवंतरि"
रविवार, 15 मई 2016
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