'प्रेम ही सत्य है ' ब्लॉग के आज छह साल पूरे हुए. छह साल में 2190 दिन बनते हैं जिनमें सिर्फ 319 पोस्ट लिखीं गईं. बहुत कम है लेकिन फिर भी कोई गिला नहीं .... मन ने जब चाहा तब लिखा .... आज बस यूँ ही मन किया कि कुछ दिन के लिए प्रेम जो जीवन का अटल सत्य है , उसे दिल के कमरे में बन्द कर लूँ.... जाने कब तक ऐसा हो .... क्या पता कब तेज़ हवा का झोंका आए और दरवाज़े खोल दे फिलहाल अभी इस ब्लॉग के दरवाज़े बन्द करके... एक खिड़की खुली रखूँ ... हवा के ताज़े झोंको के लिए..... ! !
1 टिप्पणी:
अच्छा लगा आपको इत्मीनान से पढ़ना...
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