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शुक्रवार, 15 अगस्त 2008

झंडा ऊँचा रहे हमारा










"विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा

इसकी शान न जाने पाए, चाहे जान भले ही जाए"

-- "श्री श्यामलाल गुप्त 'पार्षद' "



राष्ट्रीय ध्वज राष्ट्र की स्वत्नत्रता , एकता और अस्मिता का प्रतीक होता है. इसके

सम्मान की रक्षा के लिए देशवासी अपने प्राण देने को तैयार रहते हैं. पराधीन

भारत में तिरंगे झंडे को प्रतिष्ठित करना आसान नहीं था. स्वतंत्रता संग्राम के समय

तिरंगे के सम्मान के लिए कई सैनानियों ने अपना बलिदान किया, जिसके

कई उदाहरण आज भी रोमांचित कर देते हैं.

'अंग्रेज़ों भारत छोड़ो' आन्दोलन के समय पटना विधान परिषद पर तिरंगा झंडा फहराने

के लिए एकत्रित समूह से निकल कर एक युवक आगे बढ़ा. पुलिस की बन्दूकें तनी थीं.

गोली चली. इसके पहले कि वह युवक गोली लगने के बाद ज़मीन पर गिरे, दूसरा

युवक आगे आया. उसने तिरंगा झंडा ऊँचा उठाए हुए कदम बढ़ाया, उसे भी गोली लगी.

इसके बाद तीसरा युवक आगे आकर तिरंगा थाम कर आगे बढ़ा और फिर गोली चली......गोली चलती रही और युवक ढेर होते रहे पर तिरंगा न रुका..... न झुका, आगे

ही आगे बढ़ता गया. अंत में सातवें युवक ने विधान परिषद पर तिरंगा फहरा ही दिया.

झंडे की शान रखने के लिए आज़ादी के दीवानो को भला कौन रोक सकता था.

इस अभियान में महिलाएँ भी पीछे नहीं रहीं. सन 1942 में श्री मती अरुणा आसफ अली ने झंडा फहराया तो असम की कनकलता मलकटरी नामक स्थान पर झंडा फहराते हुए

शहीद हो गई. मिदनापुर मे मातंगिनी हाज़रा ने गोली लगने के बाद भी झंडा हाथ से

नहीं छोड़ा. हमारा राष्ट्रीय झंडा न जाने कितने ही रूपों मे हमारे बीच लहराते हुए विजय

का उल्लास और मंगल का संकेत देता रहा है और देता रहेगा.

14 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को भारत जब पूर्णता: स्वतंत्र हुआ और संविधान सभी

ने राष्ट्र की बागडोर सँभाल ली तब श्रीमती हंसा मेहता ने अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को

एक नया तिरंगा झंडा भेंट करते हुए कहा "यह उचित है कि इस महान सदन पर जो पहला झंडा फहराया जाने वाला है, वह भारत की महिलाओं का उपहार है."

अगले दिन 15 अगस्त 1947 के शपथ ग्रहण समारोह के बाद राष्ट्रपति भवन के ध्वज-दंड

पर हमारा राष्ट्रीय ध्वज फहरा उठा।

देश विदेश में रहने वाले सभी भारतवासियों को स्वतंत्रता दिवस पर मंगलकामनाएँ.... यही कामना है कि हम अपने देश की आज़ादी की रक्षा करते हुए दुनिया के दूसरे देशों की आज़ादी का सम्मान करें।

इस शुभ दिवस पर पूरे विश्व को शांति और भाईचारे का सन्देश दें .... !

14 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

मीनाक्षी जी ,
क्या जज्बा रहा होगा
इन वीराँगनाओँ का !
वँदे मातरम्`
अच्छा आलेख देने के लिये आभार !
- लावण्या

Smart Indian ने कहा…

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं!

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

आजाद है भारत,
आजादी के पर्व की शुभकामनाएँ।
पर आजाद नहीं
जन भारत के,
फिर से छेड़ें संग्राम
जन की आजादी लाएँ।

बेनामी ने कहा…

आजादी की बधाई
जानकारी बढ़ाने के लिए
उपयोगी सूचना देने के लिए
बार बार बधाई

- अविनाश वाचस्‍पति

mamta ने कहा…

स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं।

कुश ने कहा…

स्वतंत्रता दिवस के इस पवन पर्व पर सभी ब्लॉगर मित्रो को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

रंजू भाटिया ने कहा…

अच्छी जानकारी दी है आपने .. उन मतवालों का जोश ही कुछ और था... आजादी पर्व की बहुत बधाई .

Dr. Chandra Kumar Jain ने कहा…

सुंदर...सामयिक...सार्थक प्रस्तुति.
=========================
आपको स्वतंत्रता दिवस की बधाई
डा.चन्द्रकुमार जैन

Dr. Chandra Kumar Jain ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
डॉ .अनुराग ने कहा…

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

सुनीता शानू ने कहा…

मिनाक्षी दी आपको व आपके समस्त परिवार को स्वतन्त्रता दिवस की अनेक बधाईयाँ...
जय-हिन्द!

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

अच्छा लगा इस बहाने श्यामलाल गुप्त जी को याद कर। यह गीत तो बहुत सरल और ओज युक्त है। आपको शुभकामनायें।

Asha Joglekar ने कहा…

DHANYAWAD ITANI OJASWI KAHANI FIR SE DOHRANE KE LIYE. APKO SWATANTRATA DIWAS TATHA RAKHI KI SHYUBH KAMNAEN.