"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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हिन्दी सागर
Living Life in Lens
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मंगलवार, 21 जून 2016
प्रेम - Unconditional
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सागर की लहरों से बतियाती रेत पर लकीरें खींचती पीठ करके बैठी कोस रही थी चिलचिलाती धूप को सूरज की तीखी किरणें तीलियों सी चुभ रहीं थी...
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मंगलवार, 14 जून 2016
अम्माजी के छोटे-छोटे सपने
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ऑफिस से नीचे उतरते ही मैट्रो स्टेशन है. जहाँ से घर की दूरी चालीस मिनट की है. घर के पास वाला स्टेशन भी नज़दीक ही है. हर शाम पाँच बजे सीमा म...
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शुक्रवार, 27 मई 2016
शब्द शराब तो भाव नशा
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शब्द शराब बन आँखों के ज़रिए उतरते हैं दिल और दिमाग़ में नशा ग़ज़ब चढ़ता नस नस में उतरता धीरे धीरे असर होता शब्दों का, भ...
शनिवार, 21 मई 2016
बच्चों जैसा उतावलापन था ! लाइसेंस लेते वक्त !
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मेरी यादों की गुल्लक में आज भी सालों पुराने ड्राफ्ट ताज़ा हैं. जैसे कल की बात हो जब ड्राइविंग लाइसेंस मिलने पर सबने दावत माँगी थी. दुब...
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गुरुवार, 19 मई 2016
अजब दिल की वादी , अजब दिल की बस्ती
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रात की ख़ामोशी में कुछ गज़लें दूर किसी नई दुनिया में ले जातीं हैं... सुनिए और महसूस करके बताइए ! ये शीशे, ये सपने, ये रिश्ते, ये धाग...
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सोमवार, 16 मई 2016
मीठी सी माँ है (हाइकु)
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मीठी -सी माँ है लोरी मिश्री सी घुली प्यार की डली ********* माँ की बिटिया प्यार दुलार पाया सबल हुई । "मीनाक्षी धंवंतर...
रविवार, 15 मई 2016
एक बार फिर वापिसी ..
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ब्लॉग़ जगत सागर जैसा विस्तार लिए हुए अपनी ओर खींचता है बार बार हम पंछी से उड़ उड़ आते हैं हर बार फिर से लौटना हुआ पर क्या जा...
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