"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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हिन्दी सागर
Living Life in Lens
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मंगलवार, 13 सितंबर 2011
परिवर्तन को सहज स्वीकार किया...
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जीवन गतिशील है सोच लिया.... परिवर्तन को सहज स्वीकार किया ... ब्लॉग को नया रूप दिया....सफ़ेद दीवारों पर नीला रंग किया ... बदले रूप को देख...
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शनिवार, 10 सितंबर 2011
चलती क़लम को रोक लिया 2
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(करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान - और अगर अभ्यास ही न रहे तो सिल पर निसान कैसे पड़े. कल ऊपर लिखी कविता को रीपोस्ट करते हुए पुरानी पोस्ट को...
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रविवार, 28 अगस्त 2011
कुछ तकनीकी अज्ञान और कुछ मन की भटकन ....
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कल की पोस्ट करते वक्त कुछ तकनीकी अज्ञान और कुछ मन की भटकन .... सब मिल कर गडमड हो गया.... अपने एक परिचित मित्र के मित्रों की दास्ताँ ...
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शनिवार, 27 अगस्त 2011
ज़िन्दगी एक बुलबुला है !
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ज़िन्दगी एक बुलबुला है आज के दिन ........ " प्रेम ही सत्य है" ब्लॉग जन्मा था .... हमेशा ज़िन्दा रहेगा अंर्तजाल पर ड...
शुक्रवार, 5 अगस्त 2011
जीवन का ज्वार-भाटा
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नर और नारी सागर किनारे बैठे थे झगड़ा करके ऐंठे थे रेत पर नर नारी लिखते लम्बे वक्त से मौन थे नर ने मौन तोड़ा नारी को लगा...
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मंगलवार, 2 अगस्त 2011
सूरज, साया और सैर
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नियमित सैर के लिए किसी गंभीर बीमारी का होना ज़रूरी नहीं है...बस यूँ ही नियम से चलने की कोशिश है एक. आजकल सुबह सवेरे भी निकलते हैं सैर के लि...
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शनिवार, 30 जुलाई 2011
गर्मी में सैर
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आजकल घर की सफ़ाई का अभियान चल रहा है... दोनों बेटों की मदद से रुक रुक कर पूरे घर की सफ़ाई की जा रही है... दो तीन दिन में घर को रंग रोगन से...
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