"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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सोमवार, 2 मई 2011
खूबसूरत देश का सपनीला सफ़र
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( सन 2002 में पहली बार जब मैं अपने परिवार के साथ ईरान गई तो बस वहीं बस जाने को जी चाहने लगा. एक महीने बाद लौटते समय मन पीछे ही रह गया. कविय...
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गुरुवार, 28 अप्रैल 2011
जन्मदिन मुबारक हो माँ ...!
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दुलारी अपने माँ बाबूजी की आखिरी संतान और सातवीं बेटी थी ...सारे घर की लाडली....दुलारी के पैदा होने से पहले से ही दूर के एक रिश्तेदार आते....
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बुधवार, 27 अप्रैल 2011
ईरान का सफ़र 4 (रश्त, रामसार)
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( सन 2002 में पहली बार जब मैं अपने परिवार के साथ ईरान गई तो बस वहीं बस जाने को जी चाहने लगा. एक महीने बाद लौटते समय मन पीछे ही रह गया. कव...
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सोमवार, 25 अप्रैल 2011
ईरान का सफ़र 3
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Source Unknown ज़िन्दगी के सफ़र के अनुभव ही मेरी धरोहर हैं.... सफ़र के हर पड़ाव पर कुछ न कुछ सीखा और अपनी यादो में सहेज कर रख लिया......स...
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रविवार, 24 अप्रैल 2011
आफ़ताब और अज़ान
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आज भी हर रोज़ की तरह खिड़की से बाहर उगते सूरज को देखा....साथ ही नज़र गई मस्जिद की ऊँची मीनार पर ...जाने क्यों उस खूबसूरत नज़ारे ने दि...
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आफ़ताब और अज़ान
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आज भी हर रोज़ की तरह खिड़की से बाहर उगते सूरज को देखा....साथ ही नज़र गई मस्जिद की ऊँची मीनार पर ...जाने क्यों उस खूबसूरत नज़ारे ने दिल ...
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बुधवार, 20 अप्रैल 2011
रेत में डूबा रवि
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प्याला हो जैसे रेत में डूबा रवि आधा भरा सा धूल के कण पत्तों पर पसरे चमकीले से सिर चढ़ती धूल है नकचढ़ी चिड़चिड़ी सी धूल ही ...
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