"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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सूरज
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सूरज
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बुधवार, 17 सितंबर 2014
उतरते सूरज की कहानी...
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हर शाम जाते सूरज की बाँहों से किरणें मचल कर निकल जातीं... नन्हीं रंगबिरंगी सुनहरी किरणें बादलों के आँचल से लिपट जातीं... ...
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शनिवार, 20 अप्रैल 2013
सूरज और पौधे
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सूरज आसमान से नीचे उतरा धरती के आग़ोश में दुबका ध्यान-मग्न पौधों का ध्यान-भंग करता हवा के संग मिल साँसे गर्म छ...
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सोमवार, 24 मार्च 2008
अपने ममता भरे हाथों से ....!
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(सन्ध्या के समय समुन्दर के किनारे बैठे बेटे विद्युत ने तस्वीर खींच ली, और हमने अपनी कल्पना में एक शब्द चित्र बना लिया. ) ममता भरे हाथों से...
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गुरुवार, 25 अक्टूबर 2007
तपता - हँसता जीवन !
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सूरज का अहम देख कर चन्द्र्मा मन ही मन मुस्करा उठा और सोचने लगा - अपनी आग से सूरज धरती को देता है नवजीवन ही नहीं मन-प्राण भी उसका झुलसा देता...
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