"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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रविवार, 8 मई 2011
माँ
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माँ ......... लिखने को कुछ नहीं पर एहसास बेशुमार हैं....... याद आते हैं बचपन के दिन..... माँ का प्यार.....मारती फिर दुलारती..... रोते र...
16 टिप्पणियां:
रविवार, 9 मई 2010
मेरे तो लगभग सभी दिन ऐसे ही खास होते हैं..!
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आज न जाने क्यों सुबह नींद ही नहीं खुली.... विजय ऑफिस चले गए..बच्चे भी कब उठ गए पता ही नहीं चला.... छोटे की आवाज़ से नींद खुली कि चाय नाश्ता ...
11 टिप्पणियां:
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