"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
मेरे ब्लॉग
(यहां ले जाएं ...)
हिन्दी सागर
Living Life in Lens
▼
ब्लॉग जगत
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
ब्लॉग जगत
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
शुक्रवार, 16 सितंबर 2011
आज की कविता का रूप-सौन्दर्य 3
›
आज की कविता का रूप-सौन्दर्य बढ़ाने में सहायक हैं नए बिम्ब और नई भाषा शैली .... और चमत्कृत कर देते हैं भाव ..... कवि-मन में जब गहन अनुभूति क...
17 टिप्पणियां:
गुरुवार, 15 सितंबर 2011
आज की नई कविता का रूप सौन्दर्य 2
›
आज की नई कविता का रूप सौन्दर्य निहारते हुए उसका बखान करने का तरीका सबका अपना अपना अलग हो सकता है.... जैसे तराशे हुए हीरे को सभी अपने अपने...
19 टिप्पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें