"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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बुधवार, 13 मई 2020
पुस्तक से ब्लॉग तक - अनमोल वचन
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एक पुस्तक प्रेमी पाठक का कहना था - दूरदर्शन तो आँख को टिकने नहीं देता, किताब की पंक्ति पर तो आँखें रुक सकती हैं , पीछे पलट कर देख सकती हैं ...
1 टिप्पणी:
गुरुवार, 18 अप्रैल 2013
18 महीने बाद 18 अप्रेल को एक बार फिर नमस्कार ......
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यहीं अपने इस घर में किसी कोने में ध्यानमग्न बैठी थी जैसे.....लगता ही नहीं कि मैं 18 महीने बाद लौटी हूँ .... इन दिनों इतना कुछ हुआ ...हिस...
10 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 20 मई 2011
रेगिस्तान का रेतीला रूप
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(28 मई 2009 का ड्राफ्ट) दूर दूर तक फैले रेगिस्तान का रेतीला रूप निहारा... सराहा.... महसूस किया जैसे हो माँ का आँचल लहराता... बलखाता.....
11 टिप्पणियां:
गुरुवार, 19 मई 2011
डायरी के पुराने पन्ने
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कुछ पुराने ड्राफ्ट जिन्हें एक एक करके मुक्त करने की सोच रही हूँ .... यह सबसे पुराना ड्राफ्ट 3 जुलाई 2008 का लिखा हुआ है..... जस का तस पब्...
12 टिप्पणियां:
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