"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
मेरे ब्लॉग
(यहां ले जाएं ...)
हिन्दी सागर
Living Life in Lens
▼
कल और आज
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
कल और आज
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
रविवार, 2 दिसंबर 2007
कल और आज
›
कल माँ की सुन पुकार मैं उठ जाती चूल्हा सुलगाती भात बनाती ताप से मुख पर रक्तिम आभा छाती मुस्कान से सबका मन मैं लुभाती ! माँ की मीठी ...
14 टिप्पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें