"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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अमृत की ऐसी रसधार बहे
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अमृत की ऐसी रसधार बहे
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बुधवार, 5 दिसंबर 2007
अमृत की ऐसी रसधार बहे !
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तपती धरती , जलता अम्बर शीतलता का टूटा सम्बल आकुल है वसुधा का चन्दन रोती अवनि अन्दर अन्दर ! धरती प्यासी , अम्बर है प्यासा कण-कण है अमृत का प्...
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