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बुधवार, 9 सितंबर 2015

यह 'नोटिस' क्या हो सकता है ?

नहीं जानती कि क्यों वक्त बेवक्त ब्लॉग़ पर आना हो पाता है ..चाह कर , सोच सोच कर भी न आने का कोई खास कारण नहीं है लेकिन ज़िन्दगी बेतरतीब सी है यह पता चलता है.
खैर आज आने का खास कारण यह है कि जैसे ही मैंने अपना ब्लॉग खोला तो इस सन्देश को देख कर होश उड़ गए , कुछ समझ नहीं आया कि ऐसा क्यों और कैसे हुआ !
आप सब से शेयर करके शायद कोई सुराग मिले , यह सोच कर एक छोटी सी पोस्ट आपके सामने है .