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सोमवार, 14 जनवरी 2008

मैं भी आवारा बंजारन थी, आज भी हूँ !

आज का शीर्षक देने का एक मुख्य कारण है आवारा बंजारा का जन्म दिन. उनकी 'मैं' कविता पढ़कर लगा कि आज एक मस्त अवारा में गम्भीर मनन चिंतन करने वाला बंजारा छिपा है. ऐसा व्यक्तित्त्व हमेशा आकर्षित करता है जो जीवन को विभिन्न ऋतुओं का संगम बना दे. कभी शांत, गम्भीर और रहस्यमयी तो कभी किनारों के बाहर छलकती. कभी सिकुड़ती जलधारा सी और कभी दूसरों के प्रभाव से मटमैली होती.
टिप्पणी के रूप में शुभकामनाएँ भेजने के बाद मुझे जहाँ उनके मस्ती भरे मनचले स्वभाव की याद आई, वहीं याद आ गया अपना जन्मदिन. पन्द्रह साल पूरे हुए थे और मम्मी डैडी ने वादा किया था कि दो महीने की छुट्टियों में मुझे दीदी के पास कश्मीर भेजा जाएगा. यह तोहफा तो मेरे लिए अनमोल था. एक महीने बाद ही वह दिन भी आ गया. मुझे कहा गया कि रात जम्मू तवी जाने वाली ट्रेन से मुझे श्रीनगर के लिए रवाना होना है. यकीन ही नहीं हुआ कि मम्मी डैडी मुझे अकेला भेजने को तैयार हो जाएँगें. दादी ने भी कुछ नहीं कहा. आप सोच सकते हैं कि हम बिन पंखों के कैसे उड़ रहे होंगें उस समय.
आवारा बंजारन का ट्रेन का सफ़र कल लिखूँगी. आज तो संजीत जी के जन्मदिन पर कुछ गीत सुनिए.


कुछ दिन पहले संजीत जी ने एक बच्चा 'पारटी' पर पोस्ट लिखी थी..उसमें एक नन्ही सी गुड़िया को याद करके यह गीत चुना... 'हैप्पीबर्थ डे टू यू'



यह गीत उस समय का जब हमारे जन्मदिन पर अकेले कश्मीर जाने का तोहफा मिला था...
'दीवाना मस्ताना हुआ दिल'

10 टिप्‍पणियां:

  1. आपका निच्छल संस्मरण अच्छा लगा मुझे
    जन्मदिन मनाने का तरीका पक्का लगा मुझे
    झरोखा कोई भी हो जन्मदिन किसी का हो
    लहराता फड़फड़ाता यह कदम सच्चा लगा मुझे

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  2. बचपन की यादें हर सुनहरी परियों की तरह लगती हैं मुझे, एक ख्‍वाब, आसमां में उड़ने की इच्‍छा और मनमानी, वाह क्‍या दिन थे वे

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  3. आपके आवारा बंजारन का ट्रेन का सफर के लेख का इंतजार रहेगा।

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  4. इतने दिन बाद यह मधुर गीत सुनने का अवसर देने के लिए बहुत शुक्रिया मीनाक्षी जी.... और आवारा बंजारे का जन्‍मदिन आज है य‍ह बताने के लिए भी शुक्रिया.. शुभकामनाएं दे आया हूं... अपनी ट्रेन यात्रा का संस्‍मरण जल्‍द सुनाएं.

    छेड़े लहर.. लहर मतवाली.....राग कोई अनजाना .. :)

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  5. अपने संस्मरण के बढिया प्रस्तुति
    दीपक भारतदीप

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  6. बंजारा तो अपने में मन मौजी शब्द है। ऊपर से आवारा बंजारा तो सभी बांध तोड़ कर मनमौजी है। हम उसी रूप में पहचानते हैं।

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  7. आई एम ऑनर्ड!!
    वाकई!!
    शुक्रिया!!!
    गाने बहुत अच्छे लगे!!!

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  8. और हां आवारा बंजारन वाली पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी

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  9. हां मीनू जी हम भी इंतजार कर रहे हैं अवारा बंजारन के किस्से का, चाय का कप तैयार कर लिया है।

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  10. हम तो सोच रहे थे कि संजीत को नये त्रिपदम का तोहफा मिलेगा। गाने-वाने ठीक है पर त्रिपदम की बात ही कुछ और है।

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