"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
मेरे ब्लॉग
(यहां ले जाएं ...)
हिन्दी सागर
Living Life in Lens
▼
शनिवार, 22 जून 2013
सुधा की कहानी उसकी ज़ुबानी (9)
›
गूगल के सौजन्य से सुधा अपने आप को अपनों में भी अकेला महसूस करती है इसलिए अपने परिचय को बेनामी के अँधेरों में छिपा रहने देना चाहती है...
3 टिप्पणियां:
सोमवार, 17 जून 2013
सुधा की कहानी उसकी ज़ुबानी (8)
›
गूगल के सौजन्य से सुधा अपने आप को अपनों में भी अकेला महसूस करती है इसलिए अपने परिचय को बेनामी के अँधेरों में छिपा रहने देना चाहती है.....
4 टिप्पणियां:
सोमवार, 10 जून 2013
सुधा की कहानी उसकी ज़ुबानी (7)
›
चित्र गूगल के सौजन्य से सुधा अपने आप को अपनों में भी अकेला महसूस करती है इसलिए अपने परिचय को बेनामी के अँधेरों में छिपा रहने देना चाहत...
4 टिप्पणियां:
बुधवार, 5 जून 2013
रिक्शावाला और उसकी लाड़ली
›
मोबाइल से खींची गईं तस्वीरें पिछले साल के कुछ यादगार पल..2012 मार्च की बात है, देर रात निकले मैट्रो स्टेशन के नीचे के स्टोर से दू...
14 टिप्पणियां:
रविवार, 2 जून 2013
माथे पर सूरज
›
माथे पर सूरज का टीका सजा कर रेगिस्तानी आंचल से मुंह को छिपा कर मुस्काई सब दिशाओं को गरमा कर अपनी ओर झुके आकाश को भरमा कर तपते रेतीले टी...
गुरुवार, 30 मई 2013
सुधा की कहानी उसकी ज़ुबानी (6)
›
चित्र गूगल के सौजन्य से सुधा अपने आप को अपनों में भी अकेला महसूस करती है इसलिए अपने परिचय को बेनामी के अँधेरों में छिपा रहने देना चाहत...
7 टिप्पणियां:
बुधवार, 29 मई 2013
युद्ध की आग
›
आज जब चारों ओर इंसान इंसान को हैवान बन कर निगलते देखती हूँ तो बरबस इस कविता की याद आ जाती है जो शायद सन 2000 से भी पहले की लिखी हुई है ज...
2 टिप्पणियां:
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें