"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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शनिवार, 18 मई 2013
सुधा की कहानी उसकी ज़ुबानी (4)
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चित्र गूगल के सौजन्य से सुधा अपने आप को अपनों में भी अकेला महसूस करती ...
6 टिप्पणियां:
गुरुवार, 9 मई 2013
सुधा की कहानी उसकी ज़ुबानी (3)
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(चित्र गूगल के सौजन्य से) सुधा अपने आप को अपनों में भी अकेला महसूस क...
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शनिवार, 4 मई 2013
सुधा की कहानी उसकी ज़ुबानी (2)
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(चित्र गूगल के सौजन्य से) सुधा अपने आप को अपनों में भी अकेला महसूस करती है इसलिए अपने परिचय को बेनामी के अँधेरों में छिपा रहने देना...
7 टिप्पणियां:
बुधवार, 1 मई 2013
सुधा की कहानी उसकी ज़ुबानी
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(चित्र गूगल के सौजन्य से) सुधा अपने आप को अपनों में भी अकेला महसूस करती है इसलिए अपने परिचय को बेनामी के अँधेरों में छिपा रहने देना च...
5 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013
लघु कथा - महिला सम्मान
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तेज़ बुख़ार में तपती मुन्नी निशा की गोद से उतरती ही न थी... दो दिन से मुन्नी बीमार है लेकिन रमन के पास वक्त ही नहीं है उसे अस्पताल ले जान...
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सोमवार, 22 अप्रैल 2013
काली होती इंसानियत....
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अन्धेरे कमरे के एक कोने में दुबकी सिसकती बैठी सुन्न सहम जाती है फोन की घंटी से वह अस्पताल से फोन पर मिली उसे बुरी खबर थी जिसे...
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शनिवार, 20 अप्रैल 2013
सूरज और पौधे
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सूरज आसमान से नीचे उतरा धरती के आग़ोश में दुबका ध्यान-मग्न पौधों का ध्यान-भंग करता हवा के संग मिल साँसे गर्म छ...
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