"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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हिन्दी सागर
Living Life in Lens
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मंगलवार, 10 जून 2008
तस्वीरों का सफर ... !
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दमाम से कुछ दूरी पर देहरान में एक नया मॉल खुला. शाम को जब तक पहुँचते सला का वक्त हो गया था... सो हमने विंडो शौपिंग का ही सबसे पहले आनंद लिया...
21 टिप्पणियां:
रविवार, 8 जून 2008
आभासी दुनिया में नाई की दुकान खुली है ....
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हम जहाँ हैं वहाँ शौहर या शौफर ही बाहर ले जा सकते है.... दोनो बेटों को बारबर शॉप ले जाने की बात हुई तो विद्युत ने हमें लैप टॉप के सामने बिठा...
10 टिप्पणियां:
बुधवार, 4 जून 2008
बेतरतीब सोच के कई चेहरे ...
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३० मई की रात को सब काम निपटा कर आभासी दुनिया की सैर की सोच कर ब्लॉगजगत में दाखिल हुए तो जीमेल के अकाउंट से रीडर खोला.... सामने ज्ञान जी की न...
16 टिप्पणियां:
सोमवार, 2 जून 2008
कई दिनों के बाद .....
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कई दिनों तक कई जिम्मेंदारियां निभाते हुए चाह कर भी ब्लॉग पर लिखने का वक़्त ही नही मिला. सोचा था पतिदेव के घर जाकर मौका पाते ही जितने भी काग...
11 टिप्पणियां:
मंगलवार, 20 मई 2008
चिट्ठी न्यारी मेरे नाम ....
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अन्धकार के गहरे सागर में अकेलेपन की शांत लहरें जिनमें हलचल सी हुई . ..... शायद सपनों की दुनिया शायद कल्पना का लोक ताना बाना बुना गया..... प्...
14 टिप्पणियां:
सोमवार, 12 मई 2008
हाइकु (त्रिपदम)
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कैसे लिखूँ मैं बुद्धि जड़ हो गई मन बोझिल सोचा था मैंने सफ़रनामा न्यारा दर्ज करूँगी लेखनी रुकी थम गए हैं शब्द गला रुँधा है कविता हो न लेख लिख...
18 टिप्पणियां:
शनिवार, 10 मई 2008
दिल्ली की गर्मी में माँ के आँचल की शीतल छाया
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दिल्ली से कल ही लौटे. टैक्सी घर के सामने रुकी तो छोटा बेटा विद्युत बाहर ही खड़ा था . सामान लेकर अन्दर पहुँचे तो घर साफ-सुथरा पाकर मन प्रसन...
11 टिप्पणियां:
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