"प्रेम ही सत्य है"
"नारी-मन के प्रतिपल बदलते भाव जिसमें जीवन के सभी रस हैं। " मीनाक्षी
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Living Life in Lens
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मंगलवार, 29 जनवरी 2008
मौन अभिव्यक्ति !
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मौन हुई मैं स्नेह करे निशब्द भाव गहरे शब्द न पाऊँ मौन की भाषा पढ़ो आभारी हूँ मैं
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सपनों की नगरी मुम्बई में छह दिन 2 (कुछ बोलती तस्वीरें)
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मुम्बई में चलती कार से , होटल की या अस्पताल की खिड़की से ली गई तस्वीरों में से कुछ तस्वीरें त्रिपदम कहें --- गौर से देखो अक्स में दिल मेरा दे...
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सोमवार, 28 जनवरी 2008
सपनों की नगरी मुम्बई में छह दिन !
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छह दिन के बाद लौटे हैं ...! सब को मेरा प्रणाम ...! सपनों की नगरी मुम्बई से माया नगरी दुबई में पहुँचते पहुँचते आधी रात हो गई थी इसलिए चाह क...
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सोमवार, 21 जनवरी 2008
प्रथम मिलन को भूल न पाऊँ
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आज मेरा व्याकुल मन फिर मिलने को आतुर बरसों पुराना मधुर-प्रेम रस फिर पीने को आतुर !! सूखे कगार सी पतली दो रेखाएँ बेचैन भुजाएँ बनकर आलिंगन करन...
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शनिवार, 19 जनवरी 2008
जब भी हमें शायर पुकारा जाता !
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कभी कभी पुरानी यादें दौड़ती चली आती हैं और गले लग जाती हैं जिनसे मिलकर हम मस्ती में डूब कर उनके संग खेलने लगते हैं. हिन्दी के बुज़ुर्ग अध्याप...
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शुक्रवार, 18 जनवरी 2008
त्रिपदम (हाइकु)
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क्यों मैं ही मैं हूँ गर्व किस बात का नासमझी क्यों अहम त्यागो अमर तुम नहीं मृत्यु निश्चित घना अंधेरा छाया का साया नहीं अविश्वास है मृत्यु मित...
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गुरुवार, 17 जनवरी 2008
मेरे त्रिपदम (हाइकु)
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कॉफी का प्याला कागज़ कलम है शब्दों की झाग प्राण फूँकते जादू से भरे हाथ संजीवनी से सलोना नभ सुरमई मेघ हैं साँवली घटा तूफानी रात तड़ित दामिनी सी...
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